India In UN: 'भारत ने जीरो टॉलरेंस के साथ किया आतंकवाद का मुकाबला, लड़ाई आगे भी रहेगी जारी'- रुचिरा कंबोज
भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि हमने जीरो टॉलरेंस के साथ आतंकवाद का मुकाबला किया है। हम ऐसा करना जारी रखेंगे और जैसा कि हमारे पीएम ने कहा है कि जब तक आतंकवाद को जड़ से खत्म नहीं किया जाता है तब तक आराम न करें।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Thu, 29 Dec 2022 04:51 AM (IST)
न्यूयार्क, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकरोधी समिति के अध्यक्ष के तौर पर भारत ने इस समिति के स्तर (प्रोफाइल) को बढ़ाया है। यूएनएससी में भारत का दो वर्ष का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है।
UN में बोलीं भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज
इस दौरान आतंकवाद से लड़ाई में भारत के फोकस के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कंबोज ने कहा कि जनवरी, 2021 में कार्यकाल के प्रारंभ में ही विदेश मंत्री (एस. जयशंकर) ने आतंकवाद के खतरे से विश्वसनीय तरीके से निपटने और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने की यूएन प्रणाली की आठ सूत्रीय कार्ययोजना प्रस्तुत कर दी थी। उन्होंने कहा कि आतंकरोधी समिति के अध्यक्ष के तौर पर हमने इस समिति के स्तर को बढ़ाया है।
'भारत ने दशकों तक सीमापार से आतंकवाद का सामना किया'
कंबोज ने भारत में हुई विशेष बैठक की भी याद दिलाई, जिसका परिणाम ऐतिहासिक दिल्ली घोषणा पत्र था। साथ ही भारत की वर्तमान अध्यक्षता के दौरान दिसंबर में आतंक के विरुद्ध अध्यक्षीय बयान जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि दुनिया के संज्ञान लेने से पहले दशकों तक भारत ने सीमापार से आतंकवाद का सामना किया है। हमने कई निर्दोषों की जानें गंवाई हैं और आतंकवाद का जीरो टालरेंस की नीति के साथ सामना किया है। हम ऐसा करना जारी रखेंगे जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने कहा है कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने तक चैन से नहीं बैठेंगे।भारत पूरे ग्लोबल साउथ की आवाज बन रहा- रुचिरा
कंबोज ने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान को भी उद्धत किया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर भारत ने पूरी दुनिया के लाभ के लिए अपनी प्रतिष्ठा और अनुभव का उपयोग किया है। पिछले दो वर्षों के दौरान हमने शांति, सुरक्षा और समृद्धि के पक्ष में आवाज बुलंद की। हमने आतंकवाद जैसे मानवता के साझा दुश्मन के विरुद्ध आवाज उठाने में संकोच नहीं किया। हम पूरे ग्लोबल साउथ की आवाज थे। हमने बहुपक्षवाद, कानून के शासन और निष्पक्ष एवं समान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था समेत बुनियादी सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराया।
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