अमेरिका के बदले सुर, अब कहा- रूस के साथ अपने रिश्ते को भारत छोड़ने वाला नहीं, पीएम मोदी का अपना तरीका
पीएम मोदी की रूस यात्रा के बाद भारत की आलोचना करने वाले अमेरिका के सुर अब बदल चुके हैं। उसका कहना है कि भारत अपने रिश्ते रूस के साथ छोड़ने वाला नहीं है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गले लगाने पर कहा कि पीएम मोदी का अभिवादन करने का अपना तरीका है। अमेरिका ने रूस को चीन का जूनियर भागीदार बताया है।
पीटीआई, वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों के संबंध में भारत के साथ बातचीत सम्मानजनक और प्रभावी रही, क्योंकि यह बंद दरवाजों के पीछे हो रही है। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर भारत के साथ रचनात्मक बातचीत की है। साथ ही स्पष्ट कर दिया कि हम इस पर कहां खड़े हैं और क्या चाहते हैं।
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रूस के साथ रिश्ते छोड़ने वाला नहीं है भारत
सुलिवन शुक्रवार को कोलोराडो में एस्पेन सिक्योरिटी फोरम में पन्नू की हत्या के प्रयास से संबंधित आरोपों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उनसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस यात्रा से संबंधित सवाल भी पूछे गए। उन्होंने कहा कि भारत रूस के साथ अपने रिश्ते को छोड़ने वाला नहीं है।
चीन का जूनियर भागीदारी बना मॉस्को
भारत द्वारा रूस के साथ सैन्य और प्रौद्योगिकी संबंधों को गहरा करने का कोई ठोस सुबूत नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मॉस्को चीन का जूनियर भागीदार बन गया है। जरूरी नहीं कि वह भविष्य में किसी आकस्मिक स्थिति में भारत का महान और विश्वसनीय मित्र बने।नहीं लगता भारत और रूस के संबंध गहरे हो रहे
सुलिवन ने कहा कि मुझे लगता है कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हम इस बात के ठोस सुबूत देखते हैं कि भारत रूस के साथ अपने सैन्य और प्रौद्योगिकी संबंधों को गहरा कर रहा है। मुझे उस यात्रा से कोई ठोस सुबूत नहीं मिला कि यह गहरा हो रहा था। मैंने उस स्थान पर कोई उपलब्धि नहीं देखी।