India Pakistan Relations: पाक की भारत से बातचीत करने की पेशकश, अमेरिका ने क्यों किया सीधी बात का समर्थन? जानें
अमेरिका ने कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे किसी भी तनाव के मुद्दे पर सीधी बातचीत का समर्थन करता है। बिडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक बयान में यह बात कही है। पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को लगातार समर्थन देता रहा है और कश्मीर सहित कई मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सालों से तनाव जारी है।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Thu, 03 Aug 2023 09:31 AM (IST)
वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका ने कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे किसी भी तनाव के मुद्दे पर सीधी बातचीत का समर्थन करता है। बिडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक बयान में यह बात कही है। पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को लगातार समर्थन देता रहा है और कश्मीर सहित कई मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सालों से तनाव जारी है।
भारत कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है, साथ ही इस बात पर जोर देता रहा है कि इस तरह के जुड़ाव के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद (पाकिस्तान) पर है। भारत ने यह भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा देश का हिस्सा था, है और रहेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन
अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बुधवार को अपने दैनिक प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से कहा, "जैसा कि हमने लंबे समय से कहा है, हम चिंता या तनाव के मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करते हैं। यह लंबे समय से हमारी स्थिति रही है।"शहबाज शरीफ ने बातचीत करने की पेशकश की
दरअसल, मैथ्यू मिलर की यह टिप्पणी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा सभी गंभीर और लंबित मुद्दों के समाधान के लिए भारत के साथ बातचीत करने की पेशकश के दो दिन बाद आई है। पाकिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंध अगस्त 2019 से ही तनावपूर्ण हैं, जब भारत ने जम्मू और कश्मीर में धारा 370 को बदल दिया।विदेश मंत्री की पाक को दो टूक
वहीं, पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद की नीति खत्म नहीं की जाती तब तक भारत के लिए पड़ोसी देश के साथ सामान्य संबंध रखना संभव नहीं है। जून में विदेश मंत्री ने कहा, "हम आतंकवाद को सामान्य बनाने की इजाजत नहीं दे सकते, हम इसे पाकिस्तान के साथ चर्चा में शामिल होने का आधार नहीं बनने दे सकते। मेरे लिए यह काफी सामान्य ज्ञान वाला प्रस्ताव है।"