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भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा- यूक्रेन संघर्ष का प्रभाव यूरोप तक सीमित नहीं, सभी विकासशील देश पर पड़ रहा असर

यूक्रेन की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्‍बोज ने कहा कि परमाणु संयंत्र से जुड़ी किसी भी दुर्घटना से सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

By Babli KumariEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 10:26 AM (IST)
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संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (फाइल फोटो)
न्यूयॉर्क, एजेंसी। भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्‍बोज ने संयुक्त राष्ट्र में रूस और यूक्रेन युद्ध पर अपनी बात रखी। भारत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यूक्रेन संघर्ष का प्रभाव केवल यूरोप तक ही सीमित नहीं है, यह कहते हुए कि इसने विशेष रूप से विकासशील देशों में खाद्य, उर्वरक और ईंधन सुरक्षा पर चिंताओं को बढ़ा दिया है।

सुरक्षा परिषद को आश्वासन देते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने कहा कि नई दिल्ली यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न आर्थिक कठिनाइयों को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करना जारी रखेगी।

केवल यूरोप तक ही सीमित नहीं यह युद्ध

यूएनएससी ब्रीफिंग में रुचिरा काम्बोज ने कहा 'भारत इस संघर्ष से उत्पन्न होने वाली आर्थिक कठिनाइयों को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और भागीदार देशों के साथ काम करना जारी रखेगा। यूक्रेन संघर्ष का प्रभाव केवल यूरोप तक ही सीमित नहीं है।'

उन्होंने आगे कहा, 'संघर्ष खाद्य, उर्वरक और ईंधन सुरक्षा पर चिंताओं को बढ़ा रहा है, खासकर विकासशील देशों में। हम सभी के लिए इक्विटी, सामर्थ्य और पहुंच के महत्व को पर्याप्त रूप से समझना आवश्यक है।'

रुचिरा कंबोज ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पिछले तीन महीनों में, भारत ने अफगानिस्तान, म्यांमार, सूडान और यमन सहित जरूरतमंद देशों को 1.8 मिलियन टन से अधिक गेहूं का निर्यात किया है।

भारत लगातार युद्ध समाप्त करने का कर रहा आह्वान

भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने यह भी कहा, कि परिषद याद रखेगी कि यूक्रेन में संघर्ष शुरू होने के बाद से, भारत लगातार शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और हिंसा को समाप्त करने का आह्वान कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यूक्रेन में स्थिति में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है क्योंकि परिषद ने पिछली बार यूक्रेन में संघर्ष और इसके मानवीय परिणामों पर चर्चा की थी।

सुरक्षा की स्थिति गंभीर बनी हुई है, साथ ही मानवीय परिणाम भी। बुका में नागरिकों की हत्याओं की खबरें बेहद परेशान करने वाली थीं।

भारत ने आशा व्यक्त की कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मानवीय सहायता के आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देना जारी रखेगा। भारत ने हाल ही में यूक्रेन को मानवीय सहायता की अपनी बारहवीं खेप भेजी है। यह मानवीय सहायता और मदद भारत सरकार के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए है।