Move to Jagran APP

गोलीबारी, मानसिक तनाव... अमेरिका में इस वजह से बड़ रहे भारतीय छात्रों की मौत के मामले; इस साल 11 ने गंवाई जान

अमेरिका में इस साल 11 भारतीय छात्रों ने जान गंवा दी है। फाउंडेशन फार इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआइआइडीएस) ने एक विश्लेषण में पाया कि इस घटनाओं का प्रमुख कारण संदिग्ध गोलीबारी अपहरण सुरक्षा ज्ञान की कमी के कारण प्राकृतिक मौतें आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले मानसिक मुद्दे और यहां तक कि संदिग्ध हादसे व हिंसक अपराध हैं।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 11 Apr 2024 08:00 AM (IST)
Hero Image
अमेरिका में इस साल 11 भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है।(फोटो सोर्स: जागरण)
पीटीआई, वॉशिंगटन। अमेरिका में हाल के महीनों में भारतीय छात्रों की मौतों पर देश के प्रमुख प्रवासी संगठन ने चिंता जताई। इसके साथ ही संगठन ने भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर अमेरिकी सरकार व अधिकारियों से और अधिक गंभीरता बरतने का आह्वान किया। बता दें कि इस वर्ष अब तक 11 भारतीय छात्रों की अमेरिका में मौत हो चुकी है।

फॉउंडेशन फार इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआइआइडीएस) ने एक विश्लेषण में पाया कि इस घटनाओं का प्रमुख कारण संदिग्ध गोलीबारी, अपहरण, सुरक्षा ज्ञान की कमी के कारण प्राकृतिक मौतें, आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले मानसिक मुद्दे और यहां तक कि संदिग्ध हादसे व हिंसक अपराध हैं।

मोहम्मद अब्दुल अरफात का एक गिरोह ने किया था अपहरण

बता दें कि कुछ दिनों पहले अमेरिका में 25 वर्षीय भारतीय छात्र मोहम्मद अब्दुल अरफात की मौत हो गई। वो पिछले कुछ दिनों से लापता था। अरफात को ढूंढने की कार्रवाई जारी थी लेकिन क्लीवलैंड ओहियो में उसकी मौत हो गई है।

19 मार्च को अरफात के परिवार को एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने दावा किया कि अरफात का कथित तौर पर ड्रग्स बेचने वाले एक गिरोह ने अपहरण कर लिया था और उसे "छोड़ने" के लिए 1,200 अमेरिकी डॉलर की मांग की थी। उसके पिता ने कहा कि फोन करने वाले ने फिरौती न देने पर अरफात की किडनी बेचने की भी धमकी दी थी।

रैगिंग के खिलाफ सख्त नियम लागू हो

संगठन ने कहा कि ऐसे में अधिकारियों को सुरक्षा शिक्षा, खोज एवं बचाव प्रक्रियाएं बढ़ानी चाहिए और रैगिंग के खिलाफ सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए।

नौ अरब डॉलर का योगदान दे रहे भारतीय छात्र

संगठन ने कहा कि अमेरिका में 2.75 लाख भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और यह कुल विदेशी छात्रों का 25 प्रतिशत है। भारतीय छात्र फीस और खर्च के रूप में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में तकरीबन नौ अरब डॉलर का योगदान करते हैं। ऐसे में छात्रों की मौतें चिंताजनक है और इससे छात्रों की आमद प्रभावित हो सकती है।

यह भी पढ़ें: Indian Student Death US: अमेरिका में एक और भारतीय छात्र की मौत, बीते महीने लापता हुआ था मोहम्मद अरफात