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अमेरिका ने भारत के साथ वन स्टॉप पैक्ट की इच्छा जताई, कहा- सुरक्षा के साथ ही बढ़ेगी विमान यात्रियों की सुविधा

India US Aviation Summit अमेरिका की यातायात सुरक्षा एजेंसी ने विमान यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए भारत के साथ वन स्टॉप पैक्ट पर बल दिया है। वाशिंगटन में भारत-अमेरिका एविएशन समिट को संबोधित करते हुए अमेरिकी यातायात सुरक्षा प्राधिकरण (यूएसटीएसए) के प्रशासक डेविड पेकोस्क ने कहा कि वन स्टॉप सुरक्षा का प्रविधान दो देशों की सुरक्षा के लिए बहुत ही लाभप्रद है।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 27 Jun 2024 12:06 AM (IST)
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वन स्टॉप पैक्ट से यात्रियों को यात्रा करने में होगी आसानी। फाइल फोटो।

पीटीआई, वाशिंगटन। विमान यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए अमेरिका की यातायात सुरक्षा एजेंसी ने भारत के साथ वन स्टॉप पैक्ट करने की आवश्यकता जताई है। इससे यात्री बार-बार की सुरक्षा जांच से बच सकेंगे और आसानी से अपना सफर पूरा कर सकेंगे। यह व्यवस्था अमेरिका सहित कई देशों में लागू हो चुकी है और इससे उड्डयन क्षेत्र की सुरक्षा में बढ़ोतरी हुई है।

दोनों देशों को होगा फायदा

वाशिंगटन में भारत-अमेरिका एविएशन समिट को संबोधित करते हुए अमेरिकी यातायात सुरक्षा प्राधिकरण (यूएसटीएसए) के प्रशासक डेविड पेकोस्क ने कहा कि वन स्टॉप सुरक्षा का प्रविधान दो देशों की सुरक्षा के लिए बहुत ही लाभप्रद है।

यह सिस्टम भारत और अमेरिका के बीच यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने में भी मदद करेगा। यह सिस्टम यात्रियों और उनके सामान के आगे बढ़ने की गति को बढ़ा देता है और उन्हें बार-बार जांच की प्रक्रिया से गुजरने से बचाते हुए जल्द उनके गंतव्य तक पहुंचाता है।

वन स्टॉप समझौता लागू होने पर अन्य देश के एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले यात्री को कनेक्टिंग डोमेस्टिक फ्लाइट पकड़ने के लिए फिर से सुरक्षा जांच से नहीं गुजरना होता है। उसका सामान उसे लेकर आए विमान से घरेलू उड़ान वाले विमान में सीधे पहुंचाया जाता है, चूंकि यह सामान एक बार सुरक्षा जांच के बाद ही विमान में चढ़ाया गया होता है, इसलिए उसके दोबारा जांच की जरूरत नहीं होती है। यही व्यवस्था भारत में भी लागू होगी। इससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने के साथ ही यात्रा में कम समय लगेगा और पूरी प्रक्रिया तेज व सुरक्षित बनेगी।- डेविड पेकोस्क

दोनों देश झेल चुके हैं रक्षा संबंधी बड़े झटके

पेकोस्क ने कहा कि दोनों देशों की यात्री विमान व्यवस्था पूर्व में सुरक्षा संबंधी बड़े झटके झेल चुकी है। भारत ने 1985 में कनिष्क विमान हादसा झेला है तो अमेरिका ने 2001 में विमान से डब्ल्यूटीसी पर हमला देखा है। इसलिए सुरक्षा को बढ़ाने वाले इस सिस्टम को लागू किए जाने की जरूरत है।

समिट में यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेटर माइकल व्हीटेकर ने कहा, भारत और अमेरिका को उड्डयन क्षेत्र की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए मिलकर कार्य करने की जरूरत है। इसमें विलंब करना उचित नहीं होगा।

हिसार में एविएशन हब बनाने में मदद देगा अमेरिका

हरियाणा के हिसार एयरपोर्ट पर इंटीग्रेटेड एविएशन हब बनाने के लिए अमेरिका तकनीक और आर्थिक सहायता देगा। इससे संबंधित प्रस्ताव को अमेरिका की ट्रेड एंड डेवलपमेंट एजेंसी ने स्वीकृति दे दी है। इस प्रस्ताव की स्वीकृति से एयरपोर्ट पर खासतौर से माल लाने और भेजने की सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी।

इससे भारत की आपूर्ति व्यवस्था मजबूत होगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। एजेंसी के निदेशक इनोह टी एबांग ने एविएशन समिट में इस आशय की घोषणा की।

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