Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'रिश्ते उतने महत्वाकांक्षी हो सकते हैं, जितना हम चाहते हैं', भारत-अमेरिका संबंध पर बोलीं उपराजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन

India-US Relations अमेरिका में भारत की उपराजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने लीडर्स ऑफ टूमारो कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-अमेरिका देशों के बीच संबंध उतने ही महत्वाकांक्षी हो सकते हैं जितना हम बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमने गत 70 वर्षों में काफी कुछ हासिल किया है लेकिन पिछले 20 वर्षों में हमने जो हासिल किया है वह अपने आप में अलग स्तर का है।

By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Tue, 05 Mar 2024 05:19 PM (IST)
Hero Image
भारत-अमेरिका संबंध पर बोंली भारतीय उपराजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पीटीआई, वाशिंगटन। पिछले 20 वर्ष में अच्छी-खासी प्रगति करने वाले दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच संबंध उतने ही महत्वाकांक्षी हो सकते हैं, जितना हम बनना चाहते हैं। अमेरिका में भारत की उपराजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने मोटवानी जडेजा फाउंडेशन और स्टैनफोर्ड इंडिया पॉलिसी एंड इकोनॉमिक्स क्लब (SIPEC) द्वारा आयोजित 'लीडर्स ऑफ टूमारो कॉन्फ्रेंस' को संबोधित किया।

'70 सालों में बहुत कुछ हासिल किया'

रंगनाथन ने खासतौर से स्टैनफोर्ड में भारतीय और भारतवंशी छात्रों से भारत से जुड़े रहने का अनुरोध किया। शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा, 'जब मैं भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की ओर देखती हूं तो मुझे लगता है कि हम अब उस स्तर पर पहुंच गए हैं, जहां हम कह सकते हैं कि साझेदारी खुद बन गई है। हमने गत 70 वर्षों में काफी कुछ हासिल किया है, लेकिन पिछले 20 वर्षों में हमने जो हासिल किया है, वह अपने आप में अलग स्तर का है।'

वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देना में मिलेगी मदद

अंतरिक्ष और उभरती एवं अहम प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत-अमेरिका संबंध का उदाहरण देते हुए रंगनाथन ने कहा कि दोनों देशों के विज्ञानी और नीतियां सक्रिय रूप से कार्यरत हैं, क्योंकि हम इन्हें भविष्य में अग्रिम मोर्चे पर देखते हैं और इससे हमें आने वाले कुछ दशकों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में नेतृत्व की भूमिका बढ़ाने में मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ें: Trump vs Hailey: रिपब्लिकन प्राइमरी चुनाव जीतने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला उम्मीदवार बनीं निक्की हेली, ट्रंप से ज्यादा मिले वोट

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में इस मुस्लिम समुदाय को नहीं मस्जिद जाने का इजाजत, अपने ही देश में पहचान पाने में नाकाम है अहमदिया