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सूर्यग्रहण के दौरान रॉकेट मिशन का नेतृत्व करेंगे नासा में भारतवंशी विज्ञानी, 14 अक्टूबर होगा लॉन्च

इस मिशन के दौरान पहला राकेट सूर्यग्रहण से 35 मिनट पहले दूसरा सूर्यग्रहण के दौरान और तीसरा 35 मिनट के बाद लांच किया जाएगा। वे उस वलयाकार पथ के ठीक बाहर की ओर भेजे जाएंगे जहां चंद्रमा सीधे सूर्य के सामने से गुजरता है। सभी राकेट में चार छोटे वैज्ञानिक उपकरण लगाए जाएंगे। वे इलेक्टि्रक और मैग्नेटिक फील्ड और तापमान में बदलाव का अध्ययन करेंगे।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 05 Oct 2023 07:14 PM (IST)
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इस मिशन के दौरान पहला राकेट सूर्यग्रहण से 35 मिनट पहले लांच किया जाएगा।
वाशिंगटन, आइएएनएस। नासा में भारतवंशी विज्ञानी 14 अक्टूबर को सूर्यग्रहण के दौरान एक महत्वपूर्ण मिशन का नेतृत्व करेंगे। मिशन के दौरान तीन राकेट लांच किए जाएंगे। भारतवंशी आरोह बड़जात्या के नेतृत्व में एटमास्फेरिक परटरबेशंस अराउंड द इक्लिप्स पाथ (एपीईपी) नामक मिशन के दौरान इस पता लगाया जाएगा कि अचानक सूर्य की रोशनी में कमी हमारे ऊपरी वायुमंडल को किस तरह प्रभावित करती है।

कब और कैसे होगा लॉन्च ?

इस मिशन के दौरान पहला राकेट सूर्यग्रहण से 35 मिनट पहले, दूसरा सूर्यग्रहण के दौरान और तीसरा 35 मिनट के बाद लांच किया जाएगा। वे उस वलयाकार पथ के ठीक बाहर की ओर भेजे जाएंगे, जहां चंद्रमा सीधे सूर्य के सामने से गुजरता है। सभी राकेट में चार छोटे वैज्ञानिक उपकरण लगाए जाएंगे। वे इलेक्टि्रक और मैग्नेटिक फील्ड और तापमान में बदलाव का अध्ययन करेंगे।

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अगर मिली सफलता तो क्या होगा?

अगर यह सफल रहा तो यह सूर्यग्रहण के दौरान आइनोस्फेयर में कई स्थानों से एक साथ लिया गया इस तरह का पहला माप होगा। विज्ञानी न्यू मैक्सिको से 14 अक्टूबर को लांच किए गए एपीईपी राकेटों का फिर से प्रयोग आठ अप्रैल 2024 को वर्जीनिया में नासा की वालाप्स फ्लाइट सुविधा के दौरान करेंगे।

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