ईरान ने अपने 51 शहरों को नागरिक सुरक्षा प्रणालियों से किया लैस, तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच उठाया कदम
ईरान ने अपने 51 शहरों को नागरिक सुरक्षा प्रणालियों से लैस किया है। ईरान का कहना है कि विदेशी हमले को नाकाम करने के लिए यह कदम उठाया है। ईरान की ओर से ये कदम ऐसे वक्त उठाए गए हैं जब परमाणु समझौते को लेकर कोशिशें चल रही हैं।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 05:46 PM (IST)
तेहरान, एजेंसियां। ईरान के ताजा कदमों ने मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने के संकेत दिए हैं। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान ने अपने 51 शहरों और कस्बों को नागरिक सुरक्षा प्रणालियों से लैस किया है। एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने शनिवार को बताया कि ईरान ने किसी भी संभावित विदेशी हमले को विफल करने के लिए यह कदम उठाया है। गौर करने वाली बात यह कि ईरान ने इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच यह कदम उठाया है।
उप रक्षा मंत्री जनरल मेहदी फराही ने कहा कि चूंकि मौजूदा वक्त में लड़ाई का रूप बेहद जटिल हो गया है। साइबर, जैविक और रेडियोधर्मी हमलों ने युद्धों की जगह ले ली है। ऐसे देश जो ईरान के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। उनसे बचाव के लिए ईरान की ओर से तैनात किए गए ये नागरिक सुरक्षा उपकरण 24 घंटे खतरों की पहचान करने और निगरानी करने में सक्षम बनाते हैं।हाल ही में ईरान ने अमेरिका के दो नौका ड्रोन जब्त कर लिए थे। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान ने गुरुवार को समुद्र से इन दोनों ड्रोन को कब्जे में लिया था और उन्हें तिरपाल से ढक कर छिपा दिया था। इतना ही नहीं ईरान ने इन्कार कर दिया था कि उसने कोई ड्रोन पकड़ा है। हालांकि अमेरिकी अधिकारियों की ओर से दबाव बनाए जाने के बाद ईरान ने ड्रोन को अमेरिकी युद्धपोत को वापस कर दिया है।
इस बीच ईरान ने सरकारी टीवी चैनल पर आरोप लगाया कि अमेरिकी नौका ड्रोन समुद्री सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। एक हफ्ते के भीतर यह दूसरा मौका था जब ईरान ने अमेरिकी नौका ड्रोन को अपने कब्जे में लिया था। सनद रहे ईरान की ओर से यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब इजराइल से उसके संबंध बेहद खराब हैं।गौर करने वाली बात यह भी कि मौजूदा वक्त में परमाणु समझौते अमली जामा पहनाने के लिए अमेरिका और ईरान के बीच अंदरखाने कोशिशें हो रही हैं। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान ने अपने अधर में लटके परमाणु समझौते को लेकर अंतिम मसौदे पर शुक्रवार सुबह एक लिखित उत्तर भेज दिया। हालांकि, अमेरिका ने तेहरान की पेशकश पर संदेह व्यक्त किया है। रुके हुए परमाणु समझौते पर विश्व शक्तियों की वापसी के लिए अंतिम मसौदा तैयार किया गया है।
ईरान के विदेश मंत्री नासिर कनानी ने एक बयान में कहा कि बातचीत पर सहमति के उद्देश्य से भेजा गया उत्तर रचनात्मक रुख पर आधारित है। ईरान ने अंतिम लिखित प्रस्ताव में क्या कहा है, इस संबंध में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। ईरान के शीर्ष नेता आयतुल्ला अली खामनेई ने कुछ सप्ताह से इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। देश में सभी मामलों पर अंतिम निर्णय उन्हीं का होता है।इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ के जरिये ईरान का उत्तर मिलने की पुष्टि की। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2018 में समझौते से पीछे हटने के बाद से वाशिंगटन और तेहरान के बीच परोक्ष वार्ता में यूरोपीय संघ एक मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है। अब नजरें इस परमाणु समझौते को लेकर दोनों देशों के रुख पर है। यदि यह असफल रहा तो वैश्विक पटल पर बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं।