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Israel-Hamas War: 'हमास के साथ युद्ध खत्म करे इजरायल, डोनाल्ड ट्रंप ने की शांति मार्ग पर लौटने की अपील

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल द्वारा हमास को दिए गए करारा जवाब का समर्थन किया है। ट्रम्प ने कहा कि इजरायल ने हमास को उसी तरह और उसी भाषा में जवाब दिया है जैसे उसने 7 अक्टूबर को हमला किया था। उन्होंने इजरायल से इस युद्ध को खत्म कर शांति मार्ग पर लौटने का भी अग्रह किया। उन्होंने कहा कि इजरायल को अब युद्ध खत्म करना होगा।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Tue, 26 Mar 2024 06:00 AM (IST)
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हमास के साथ युद्ध खत्म करे इजरायल: डोनाल्ड ट्रंप
एपी, वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल द्वारा हमास को दिए गए करारा जवाब का समर्थन किया है। ट्रम्प ने कहा कि इजरायल ने हमास को उसी तरह और उसी भाषा में जवाब दिया है, जैसे उसने 7 अक्टूबर को हमला किया था। पूर्व राष्ट्रपति ने इजरायल से इस युद्ध को खत्म कर शांति मार्ग पर लौटने का भी अग्रह किया। उन्होंने कहा कि इजरायल को अब युद्ध खत्म करना होगा।

शांति के मार्ग पर लौटे इजरायल

उन्होंने इजरायली अखबार इजराइल हयोम के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि हमें शांति प्राप्त करनी होगी। इजरायल इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। मैं कहूंगा कि इजराइल को बहुत सावधान रहना होगा। इस युद्ध के कारण इजरायल दुनिया से अपना समर्थन लगातार खो रहा है।

पहले कर चुके हैं आलोचना

मालूम हो कि इससे पहले ट्रंप हमास पर आक्रामक हमले के लिए इजरायल की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कई बार राष्ट्रपति जो बाइडन से इस संघर्ष से निपटने के तरीके पर बार-बार हमला किया है। ट्रंप ने अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि गाजा में अपने हमले की तस्वीरें और वीडियो जारी करके इजरायल ने बहुत बड़ी गलती की है। इसके कारण इजरायल की सार्वजनिक छवि खराब हुई है।

बंधक-कैदी अनुपात प्रस्ताव पर इजरायल सहमत

मालूम हो कि गाजा संघर्ष विराम को लेकर प्रयास जारी है। सीआईए के निदेशक बिलयम ब‌र्न्स ने हमास द्वारा बंधक बनाए गए प्रत्येक शख्स के बदले में छोड़े जाने वाले फलस्तीनी कैदियों की संख्या को लेकर एक अमेरिकी प्रस्ताव पेश किया। बंधक-कैदी अनुपात प्रस्ताव पर इजरायल ने सहमति जताई है। इजरायल ने उत्तरी गाजा पट्टी से विस्थापित फलस्तीनियों की वापसी के लिए भी सहमति के संकेत दिए हैं। हालांकि, हमास की ओर से जवाब आना बाकी है। यह स्पष्ट नहीं है कि फलस्तीनी कैदियों की संख्या में क्या परिवर्तन किए गए हैं।

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