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Israel-Hamas War: हमास के हमले पर नेतन्याहू ने क्यों बोला 'सॉरी'?, कहा- मुझे दुख है कि ऐसा हुआ

Israel-Hamas War इजरायल पर हमास की ओर से सात अक्टूबर को किए गए हमले के बाद नेतन्याहू ने पहली बार उस पर सरकार की नाकामी को स्वीकारते हुए माफी मांगी है। एक इंटरव्यू में नेतन्याहू ने का कि मुझे गहरा दुख है कि ऐसा हुआ और पीछे मुड़कर देखें तो शायद कुछ किया जा सकता था जिससे इसे रोका जा सकता था।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 08 Aug 2024 10:56 PM (IST)
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नेतन्याहू ने खुले तौर पर स्वीकारी सुरक्षा विफलता। (File Image)
एएफपी, वाशिंगटन। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा कि उन्हें दुख है कि हमास इजरायल पर सात अक्टूबर को हमला कर पाया। उन्होंने इसके लिए जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांगी।

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार नेतन्याहू अब तक इजरायल के नागरिकों पर हुए घातक हमले के बाद सुरक्षा विफलताओं के लिए माफी मांगने का विरोध करते आए हैं, लेकिन टाइम्स मैगजीन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने पहली बार खुले तौर पर गलती स्वीकारी और इसके लिए माफी मांगी।

हमले के लिए जताया दुख

एएफपी के अनुसार इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया था कि क्या वह सुरक्षा विफलताओं के लिए माफी मांगेंगे, जिस पर उन्होंने कहा, 'क्षमा मांगना?' इसके बाद नेतन्याहू ने आगे कहा, 'बेशक, बिल्कुल। मुझे गहरा दुख है कि ऐसा कुछ हुआ और आप हमेशा पीछे मुड़कर देखते हैं और कहते हैं, क्या हम ऐसे काम कर सकते थे, जिससे इसे रोका जा सकता था?'

गौरतलब है कि नेतन्याहू इजरायल के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेता हैं। उन्होंने लंबे समय से खुद को इजरायल की सुरक्षा के कट्टर रक्षक के रूप में पेश किया है। इससे पहले 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले के तुरंत बाद नेतन्याहू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि खुफिया सेवाएं हमास ऑपरेशन का अनुमान लगाने और उसे चेतावनी देने में विफल रही हैं।

राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को नेतन्याहू का संदेश

हालांकि, कई इजरायलियों द्वारा उन पर दोष टालने और राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने का आरोप लगाने के बाद उन्होंने उस पोस्ट को हटा दिया और माफी मांगी। साक्षात्कार में नेतन्याहू से पूछा गया कि देश की सबसे खराब सुरक्षा विफलता के बाद राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के लिए उनका क्या संदेश होगा।

नेतन्याहू ने उत्तर दिया कि यह इस पर निर्भर करता है कि नेता इजरायल को जीत की ओर ले जा सकते हैं या नहीं। उन्होंने पूछा कि क्या वे आश्वस्त कर सकते हैं कि युद्ध के बाद की स्थिति शांति और सुरक्षा वाली होगी? यदि उत्तर हां है, तो उन्हें सत्ता में बने रहना चाहिए।

हजारों लोगों की हो चुकी है मौत

इससे पहले हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल के इतिहास का सबसे घातक हमला किया। इजरायली आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर एएफपी टैली के अनुसार कुल 1,198 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर नागरिक थे।

फिलिस्तीनी उग्रवादियों ने 251 बंधकों को भी पकड़ लिया था, जिनमें से 111 अभी भी गाजा में हैं। इजरायली सेना के अनुसार उनमें 39 मारे गए हैं। हमास द्वारा संचालित क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में इजरायल के जवाबी सैन्य अभियान में कम से कम 39,677 लोग मारे गए हैं। इसमें नागरिकों और आतंकवादी मौतों अलग से विवरण नहीं है।