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Israel Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध को लेकर सुरक्षा परिषद में रूसी प्रस्ताव खारिज, आखिर क्या थी वजह?

इजरायल-हमास संघर्ष पर एक रूसी प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार रात को खारिज कर दिया। प्रस्ताव में इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान नागरिकों के खिलाफ हिंसा और आतंकवाद की निंदा की गई थी। लेकिन हमास का कोई जिक्र नहीं किया गया था। प्रस्ताव के लिए मतदान में रूस के साथ केवल चार देश - चीन संयुक्त अरब अमीरात मोजाम्बिक और गैबॉन शामिल हुए।

By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Tue, 17 Oct 2023 08:27 AM (IST)
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इजरायल-हमास संघर्ष पर एक रूसी प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार रात को खारिज कर दिया।
एजेंसी, अमेरिका। इजरायल-हमास संघर्ष पर एक रूसी प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार रात को खारिज कर दिया। प्रस्ताव में इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान नागरिकों के खिलाफ हिंसा और आतंकवाद की निंदा की गई थी। लेकिन हमास का कोई जिक्र नहीं किया गया था।

प्रस्ताव के लिए मतदान में रूस के साथ केवल चार देश - चीन, संयुक्त अरब अमीरात, मोजाम्बिक और गैबॉन शामिल हुए। जबकि चार देशों - संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जापान ने रूसी प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।

मतदान के दौरान अन्य छह देश अनुपस्थित रहे। किसी प्रस्ताव को पारित कराए जाने के लिए 15 -सदस्यीय परिषद में कम से कम नौ "हां" वोटों की आवश्यकता होती है।

हमास के हमले में 1300 से अधिक इजरायली मारे गए

इजरायल में हमास के हमले में 1300 से अधिक इजरायली मारे गए हैं, जिनमें से अधिकतर आम नागरिक थे। इजरायल-हमास संघर्ष को द्वितीय विश्व युद्ध के नाजी नरसंहार के बाद बर्बर यहूदी नरसंहार माना जा रहा है। हमास पर इजरायल के जवाबी हमलों में 2,750 लोग मारे गए हैं।

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संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी हमले की निंदा की 

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की प्राथमिक जिम्मेदारी है। लेकिन 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले का जवाब देने में विफल रहा। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद पर भी आरोप है कि इजराइल-हमास संघर्ष पर सुरक्षा परिषद की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

ब्रिटेन की संयुक्त राष्ट्र राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा, 'इजरायल के इतिहास में सबसे बड़े आतंकी हमले को नजरअंदाज करना इस परिषद के लिए अनुचित होगा।' रूसी प्रस्ताव खारिज होने के बाद उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी ब्राजीलियाई प्रस्ताव पर बातचीत जारी रहेगी। यह नागरिकों के खिलाफ सभी हिंसा और शत्रुता और आतंकवाद के सभी कृत्यों की दृढ़ता से निंदा करता है।

बता दें कि, यह स्पष्ट नहीं था कि परिषद सोमवार रात ब्राजीलियाई प्रस्ताव पर मतदान करेगा या नहीं। रूस के मसौदे पर मतदान से पहले रूसी राजदूत वासिली नेबेंजिया ने प्रस्ताव के लिए समर्थन का आग्रह करते हुए कहा कि यह बढ़ते मौजूदा संकट को लेकर एक जवाब है। साथ ही उन्होंने इजरायल और गाजा में मारे गए आम नागरिकों को श्रद्धांजलि दी और हमले की निंदा की।

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