निसार सैटेलाइट पर साथ काम कर रहे ISRO और NASA, पृथ्वी पर बर्फ की सूक्ष्म गतिविधियों पर रखेगा नजर
Nisar Satellite भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) रडार सैटेलाइट नासा और इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) पर संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। दक्षिण भारत से लांच किए जाने वाली ये सैटेलाइट प्रत्येक 12 दिन में दो बार पृथ्वी की पूरी भूमि और बर्फ की सतह की निगरानी करेगी।
एएनआई, वाशिंगटन। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) रडार सैटेलाइट नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) पर संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।
सूक्ष्म गतिविधियों पर होगी नजर
दक्षिण भारत से लांच किए जाने वाली ये सैटेलाइट प्रत्येक 12 दिन में दो बार पृथ्वी की पूरी भूमि और बर्फ की सतह की निगरानी करेगी। यह सैटेलाइट आर्द्रभूमि के स्वास्थ्य, ज्वालामुखियों द्वारा बदले भूमि के स्वरूप और भूमि-समुद्री बर्फ की सूक्ष्म गतिविधियों पर नजर रखेगी।
कैसे काम करेगा निसार सैटेलाइट?
दक्षिणी कैलिफॉर्निया स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री के ग्लेशियालाजिस्ट एलेक्स गार्डनर ने बताया कि ग्रह का तापमान बढ़ने के कारण पृथ्वी पर बर्फ तेजी से पिघल रही है। हमें इस प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझने की जरूरत है और निसार इसमें हमारी मदद करेगा।यह भी पढ़ेंः NASA Moon Mission: नासा ने अंतरिक्ष यात्रियों की चंद्रमा पर लैंडिंग को 2026 तक टाला, सामने आई यह अहम वजह
उन्होंने कहा कि यह सैटेलाइट अंटार्कटिका के सुदूर इलाकों व दक्षिणी ध्रुव के करीब से डाटा एकत्रित करेगा। निसार पृथ्वी के पर्वतीय ग्लेशियरों में होने वाले परिवर्तनों पर भी नजर रखेगा। इसके माध्यम से हमें बाढ़ आने की आशंका की भी जानकारी हो सकेगी।
हर मौसम में काम करेगा निसार सैटेलाइट
अहमदाबाद में इसरो अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के ग्लेशियोलाजिस्ट सुशील कुमार सिंह ने बताया कि हिमालय की सुंदरता और कठिनाई बादल हैं। हर मौसम में काम करने वाले सैटेलाइट निसार के माध्यम से हमें अधिक जानकारी प्राप्त हो सकेगी और हम बेहतर काम कर सकेंगे।
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