SpaceX के रॉकेट से लॉन्च हुई भारतीय सैटेलाइट GSAT-20, इंटरनेट सुविधा होगी बेहतर; ISRO ने क्यों ली एलन मस्क की मदद?
SpaceX launch ISRO satellite GSAT 20 एलन मस्क के स्वामित्व वाले स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से आज भारत के सबसे उन्नत संचार उपग्रह (कम्युनिकेशन सैटेलाइट) को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया गया है। सैटेलाइट को अमेरिका के फ्लोरिडा में केप कैनावेरल से प्रक्षेपित किया गया। GSAT N-2 सैटेलाइट दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाएं और यात्री विमानों में उड़ान के दौरान इंटरनेट प्रदान करेगा।
डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। SpaceX launch ISRO satellite GSAT 20 दिग्गज उद्योगपति एलन मस्क के स्वामित्व वाले स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से आज भारत के सबसे उन्नत संचार उपग्रह (कम्युनिकेशन सैटेलाइट) को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया गया है। सैटेलाइट को अमेरिका के फ्लोरिडा में केप कैनावेरल से प्रक्षेपित किया गया।
स्पेसएक्स की मदद से हुई लॉन्चिंग
मंगलवार को मध्यरात्रि में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का सबसे परिष्कृत संचार उपग्रह GSAT-20 (GSAT N-2) एलन मस्क के स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट पर सवार होकर अपनी 396वीं उड़ान पर बाहरी अंतरिक्ष में अपनी 34 मिनट की यात्रा के लिए रवाना हुआ।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन दुरैराज ने कहा कि लॉन्चिंग सफल रही है।
क्यों खास है GSAT N-2 सैटेलाइट?
GSAT N-2 सैटेलाइट दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाएं और यात्री विमानों में उड़ान के दौरान इंटरनेट प्रदान करेगा। उपग्रह 32 उपयोगकर्ता बीम से सुसज्जित है, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र पर आठ संकीर्ण स्पॉट बीम तथा शेष भारत में 24 विस्तृत स्पॉट बीम शामिल हैं।
इन 32 बीम को भारत की मुख्य भूमि में स्थित हब स्टेशनों द्वारा स्पोर्ट किया जाएगा। यह इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी को सक्षम करने में भी मदद करेगा।
Liftoff of GSAT-N2! pic.twitter.com/4JqOrQINzE
— SpaceX (@SpaceX) November 18, 2024
फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से हुई लॉन्चिंग
4700 किलोग्राम वजनी वाणिज्यिक उपग्रह GSAT N-2 या GSAT 20 को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल में स्पेस कॉम्प्लेक्स 40 से लॉन्च किया गया। लॉन्च पैड को स्पेसएक्स ने यूएस स्पेस फोर्स से किराए पर लिया है, जो देश की सशस्त्र सेनाओं की एक विशेष शाखा है जिसे 2019 में अपनी अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था।