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हमारी और आपकी जिंदगी के लिए बेहद खास है आज का दिन, जानें कैसे

आज का दिन हमारी और आपकी जिंदगी के लिए बेहद मायने रखता है, लिहाजा बेहद खास भी है। खास इसलिए है क्‍योंकि आज ही के दिन इंसान के आसमान में उड़ान भरने का सपना सच हुआ था।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 17 Dec 2017 02:14 PM (IST)
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हमारी और आपकी जिंदगी के लिए बेहद खास है आज का दिन, जानें कैसे

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। दोस्‍तों आज का दिन हमारी और आपकी जिंदगी के लिए बेहद मायने रखता है, लिहाजा बेहद खास भी है। खास इसलिए है क्‍योंकि आज ही के दिन इंसान के आसमान में उड़ान भरने का सपना सच हुआ था। भले ही बहुत लोग आज भी हवाई जहाज में न बैठे हों और उनके लिए यह एक सपना ही हो लेकिन उनके जिदंगी का एक सपना तो जरूर है ही। यही वजह है कि आज का दिन हम सभी के लिए बेहद खास बन गया है। आज इस सपने को साकार हुए पूरे 114 वर्ष बीत चुके हैं।

पहली बार उड़ा था 'द फ्लायर'

17 दिसंबर 1903 को राइट बंधुओं ने 'द फ्लायर' नामक विमान को पहली बार उड़ाया था। इस 12 सैकेंड की उड़ान ने मानों उनकी वर्षों की मनोकामना पूरी कर दी थी। इस दौरान उनका विमान करीब छह मीटर की ऊंचाई तक गया था और करीब 36 मीटर की दूरी तय की थी। इसके बाद उन्‍होंने अपने विमान को लेकर दो और टेस्‍ट किए जिसमें उनकी आखिरी उड़ान करीब 60 सैकेंड की रही। इस बार उनके विमान ने 258 मीटर की दूरी तय की थी।

सपने को अंजाम तक पहुंचाया

वो राइट ब्रदर्स ही थे जिन्‍होंने इस सपने को अंजाम तक पहुंचाया और आज हम इसकी बदौलत दुनिया में कहीं भी जाने की इच्‍छा को पूरा करते हैं। इतना ही अब हम ब्रहमांड के सुदूर क्षेत्र में जाने की भी का‍बलियत रखते हैं। आज न सिर्फ हम आसमान में हवाई जहाज, रॉकेट को उड़ते हुए देखते हैं बल्कि अब तो फ्लाइंग कार के साथ साथ इंसान ने खुद को उड़ाना सीख लिया है। इसका एक उदाहरण जेटमैन और जेड आर नेपल्‍स हैं।

नाकामी के बाद भी नहीं मानी हार

इन 114 वर्षों ने इस क्षेत्र में इंसान ने इतनी तरक्‍की कर ली है जिसके बारे में उस वक्‍त अंदाजा लगाना भी बेहद कठिन था। राइट बंधुओं को यह कामयाबी दरअसल उनकी चार साल की कड़ी मेहनत और बार-बार नाकामी के बाद मिली थी। अपने दूसरे भाइयों की तरह वे कभी कॉलेज नहीं गए थे, लेकिन मशीनों से दोनों को खूब लगाव था। बचपन में उनके पिता ने उन्हें एक खिलौना दिया था, जिसने दोनों भाइयों को असली का फ्लाइंग मशीन बनाने के लिए प्रेरित किय। मशीनों में दिलचस्‍पी होने की वजह से और अपने सपने को साकार करने की धुन ने उन्‍हें कामयाबी भी दिलाई।

बनाया ज्‍यादा पावर वाला इंजन

यह कौशल उन्होंने प्रिंटिंग प्रेसों, साइकिलों, मोटरों और दूसरी मशीनों पर लगातार काम करते हुए पाया था. दोनों ने 1900 से 1903 तक लगातार ग्लाइडरों के साथ परीक्षण किया था लेकिन उनके सामने बार-बार नाकामी हाथ लग रही थी। काफी कोशिशों के बाद भी वे ग्लाइडर नहीं उड़ा पा रहे थे। आखिरकार एक साइकिल मैकेनिक चार्ली टेलर की मदद से राइट बंधु एक ऐसा इंजन बनाने में सफल रहे, जो वजन में तो कम था लेकिन उसकी ताकत काफी ज्यादा थी। 200 पौंड से भी कम वजन का यह इंजन करीब 12 हॉर्स पावर की ऊर्जा उत्‍पन्‍न करता था। लेकिन इसके बाद भी उनकी पेरशानी खत्‍म नहीं हुई थी।

विमान के लिए बनाया प्रोपेलर

अब विमान को उड़ाने में प्रोपेलर की समस्‍या आड़े आ गई थी। दरअसल जिन प्रोपेलर का इस्‍तेमाल वह अब तक कर रहे थे वह विमान के लिए सही नहीं थे। ऐसे में इन्‍होंने ग्लाइडरों के अनुभव के आधार पर एक नया प्रोपेलर बनाया। इसके बाद उन्होंने अपने ग्लाइडर 'किटी हॉक' में यह इंजन और प्रोपेलर लगाकर विमान तैयार किया जिसने 17 दिसंबर 1903 को पहली उड़ान भरी। 12 सैकेंड की इस उड़ान ने 120 फीट की दूरी तय की और इतिहास रच दिया।

बदल गई दुनिया

राइट ब्रदर्स के उस कारनामे ने इंसान की दुनिया ही बदलकर रख दी है। आज नई तकनीक पर विकसित विमान हमारे सामने आ चुके हैं। इनमें सबसे ताजा उदाहरण सोलर प्‍लेन का है जिसने हाल ही में पूरी दुनिया का चक्‍कर लगाकर सभी का ध्‍यान अपनी तरफ खींचा है। इन 114 वर्षों में विमान के आकार और इसके डिजाइन में कई तरह के बदलाव हो चुके हैं। सुपरसोनिक एयरक्राफ्ट के बारे में हम सभी जानते हैं।

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