जापान से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया उत्तर कोरिया को कड़ा संदेश
जापान के योकोता एयरबेस से डोनाल्डा ट्रंप ने उत्तर कोरिया के तानाशाह को कड़ी चेतावनी दी है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने 12 दिवसीय एशियाई दौरे के दौरान अपने पहले पड़ाव के रूप में जापान पहुंच चुके हैं। यहां पहले से ही उनकी बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप मौजूद हैं। वह यहां पर शुक्रवार को ही पहुंच गई थीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने टोक्यो के पश्चिम में योकोता एयर बेस पर सेवाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी तानाशाह, सरकार या देश को अमेरका को कम करके आंकना नहीं चाहिए। उन्होंने यहां पर उत्तर कोरिया के तानाशाह का नाम लिए बिना कहा कि यदि उन्हें कम करके आंका गया तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा। हम अपने लोगों और उनकी आजादी और अमेरिकी झंडे की रक्षा के लिए कभी हार नहीं मानने वाले हैं, न ही इसमें हम कभी लड़खड़ाएंगे। ट्रंप ने उत्तर कोरिया के मद्देनजर इस बात की भी संभावना जताई है कि वह आने वाले दिनों में रूस के राष्ट्रपति से भी इस बाबत बात करेंगे। इसके अलावा भी उन्होंने कुछ और नेताओं से बात करने की उम्मीद जताई है।
1992 के बाद कोई अमेरिकी राष्ट्रपति इतने दिनों के लिए एशियाई दौरे पर निकला है। ट्रंप से पहले पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने एशिया का 12 दिवसीय दौरा किया था। बहरहाल, उनके इस दौरे में उत्तर कोरिया और व्यापार दोनों ही एजेंडा शीर्ष पर है। जापान के बाद 7 अक्टूबर को ट्रंप दक्षिण कोरिया, 8 अक्टूबर को चीन, 10 अक्टूबर को वियतनाम और 12 अक्टूबर को फिलीपींस पहुंचेंगे। ट्रंप के साथ इस दौरे में कुछ बड़ी कंपनियों के सीईओ भी हिस्सा ले रहे हैं। 13 अक्टूबर को वह मनीला में आसियान सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। 14 अक्टूबर को वह ईस्ट एशिया समिट में भाग लेंगे। इसमें भारत समेत अमेरिका और रूस भी हिस्सा लेंगे।
ट्रंप की यात्रा में आने वाले सभी देशों पर गौर करें तो चीन, जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा बेहद खास है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां चीन और दक्षिण कोरिया की सीमा उत्तर कोरिया से लगती है वहीं जापान से उसकी समुद्री सीमा लगती है। पिछले कुछ वर्षों से जारी तनाव के बाद उत्तर कोरिया से सबसे बड़ा खतरा भी जापान और दक्षिण कोरिया को ही है। लिहाजा इन तीन देशों की यात्रा के दौरान ट्रंप जहां उत्तर कोरिया काे सीधे तौर पर चेतावनी देंगे, वहीं इन देशों को उनकी सुरक्षा के लिए आश्वस्त भी कर सकते हैं।
मुमकिन है कि भविष्य में उत्तर कोरिया की तरफ से होने वाले मिसाइल परीक्षणों को लेकर भी ट्रंप की जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं से कुछ विशेष बातचीत हो। यह बातचीत यहां पर और मिसाइलों की तैनाती की भी हो सकती है और साथ ही साथ उत्तर कोरिया के परीक्षणों को रोकने के लिए भी हो सकती है।
जापान के लिए रवाना होने से पहले ट्रंप पर्ल हार्बर गए थे जहां उन्होंने यूएस एशिया पेसेफिक कमांड जाकर USS Arizona के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह युद्धपोत 7 दिसंबर 1941 को जापानी वायु सेना द्वारा किए गए हमले में तबाह कर दिया गया था। इस हमले में अमेरिका के 1177 सैनिक मारे गए थे।
Thank you for such a beautiful welcome Hawaii. My great honor to visit @PacificCommand upon arrival. Heading to Pearl Harbor w/ @FLOTUS now. pic.twitter.com/6gDME9cmnS
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 4, 2017
जापान से पहले उनका यहां पर आना भी खासा मायने रखता है। दूसरे विश्व के दौरान पर्ल हार्बर पर हुए जापान के हवाई हमले ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
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