एस जयशंकर ने कहा- UNSC में सुधार को नकारा नहीं जा सकता, अमेरिका ने किया भारत का समर्थन
सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि इस बात को नाकारा नहीं जा सकता कि UNSC में सुधार की आवशयकता है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का पूरा समर्थन कर रहा है।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Thu, 29 Sep 2022 11:10 AM (IST)
नई दिल्ली,पीटीआइ। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के करीब आठ दशक के बाद लगभग सभी देश इस बात पर सहमति जता रहे है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किया जाना चाहिए। सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता है।
सुरक्षा परिषद के सदस्य
वर्तमान में UNSC के पांच स्थायी सदस्य हैं- चीन, अमेरिका, फ्रांस, रूस और यूके। भारत दस अस्थायी सदस्यों में से एक है। केवल स्थायी सदस्य के पास किसी भी प्रस्ताव को वीटो करने की शक्ति होती है। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह है कि शक्तिशाली सुरक्षा परिषद का आखिर विस्तार कैसे होगा?
भारत कर रहा प्रयास
सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए भारत कई वर्षों से प्रयास कर रहा है। वीटो शक्ति वाले चीन की मौजूदगी के कारण भारत की सदस्यता पर सवाल उठा हुआ है। जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में भारत एक स्थान का पूरा हकदार है।कठिन समय पर हमेशा साथ देने वाले भारत ने एक बार फिर की मालदीव की मदद
UNSC में सुधार को लेकर जयशंकर का बयान
जयशंकर ने बुधवार को अमेरिका में भारतीय पत्रकारों के एक समूह को बताया कि हमने कभी नहीं सोचा था कि यह एक आसान प्रक्रिया होगी, लेकिन हम यह मानते हैं कि सुधार की आवश्यकता को हमेशा के लिए नकारा नहीं जा सकता है। जयशंकर ने आगे कहा कि यह किसी एक देश की जिम्मेदारी नहीं है, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो। मुझे लगता है कि यह एक सामूहिक प्रयास है जिसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को करना है। हम आइजीएन सहित सुधार प्रयासों पर जोर दे रहे हैं। भारत अधिक जिम्मेदारियां लेने के लिए बिल्कुल तैयार है और इस बात को हमेशा के लिए नकारा नहीं जा सकता है।ये भी पढें: विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, वैश्विक पटल पर भारत की है मजबूत स्थिति; निभा सकता है 'सेतु' की भूमिका