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कट्टरपंथ, उग्रवाद और कट्टरवाद के मुद्दे पर जयशंकर की दो टूक, कहा- भारत और अमेरिका को मिलकर करना होगा मुकाबला

जयशंकर ने कहा हम अपने सैन्य उपकरण कहां से प्राप्त करते हैं यह कोई नया मुद्दा नहीं है या भू-राजनीतिक कारणों से इसमें बदलाव भी नहीं आया है। भारत को अतीत में रूस से स्पेयर पा‌र्ट्स की आपूर्ति को लेकर किसी तरह की समस्याओं का सामना भी नहीं करना पड़ा।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Wed, 28 Sep 2022 04:34 AM (IST)
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भारत और अमेरिका को मिलकर करना होगा मुकाबला
वाशिंगटन, प्रेट्र। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका को एक साथ मिलकर कट्टरपंथ, उग्रवाद और कट्टरवाद से मुकाबला करने की जरूरत है। रूस से हथियार खरीदने के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हित को देखते हुए फैसला करता है कि कहां से हथियार खरीदना है। वह यहां अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

भारत जरूरतों के हिसाब से करता है हथियारों की खरीदारी

जयशंकर ने कहा कि हम अपने सैन्य उपकरण कहां से प्राप्त करते हैं यह कोई नया मुद्दा नहीं है या भू-राजनीतिक कारणों से इसमें बदलाव भी नहीं आया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अतीत में रूस से स्पेयर पा‌र्ट्स की आपूर्ति को लेकर किसी तरह की समस्याओं का सामना भी नहीं करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हम अपनी जरूरतों के हिसाब से विभिन्न स्रोतों से हथियार खरीदते हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ने ही अधिक लचीला और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) को प्रोत्साहित करने में दिलचस्पी दिखाई है। कोरोना महामारी के चलते दुनियाभर में आपूर्ति श्रृंखला पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने ब्लिंकन के साथ बैठक में भारतीयों के सामने अमेरिकी वीजा को लेकर आने वाली चुनौतियों का मुद्दा भी उठाया। ब्लिंकन ने कहा कि यह ज्यादातर कोरोना महामारी के कारण है और अमेरिका इन परेशानियों को दूर करने की कोशशों में जुटा है।

पाक को सैन्य मदद पर ब्लिंकन की सफाई

जयशंकर ने एक दिन पहले अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को लड़ाकू विमान एफ-16 के रखरखाव और मरम्मत के लिए 45 करोड़ डालर की मदद का मुद्दा उठाया था। साझा प्रेस कांफ्रेंस में अमेरिका के इस कदम का बचाव करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि आतंकी खतरों से निपटने के लिए पाकिस्तान की क्षमता को मजबूत करने के लिए उसे सैन्य उपकरण प्रदान करना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। हम जिसे भी सैन्य उपकरण देते हैं, उसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी हमारी होती है।

रूस-यूक्रेन युद्ध पर पीएम के बयान की सराहना

ब्लिंकन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान की भी सराहना की, जिसमें उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है। ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका इससे ज्यादा की उम्मीद नहीं कर सकता। पीएम मोदी ने पूरी दुनिया की बात रखी थी। बता दें कि पिछले दिनों शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर पीएम मोदी ने पुतिन से युद्ध खत्म करने का अनुरोध करते हुए उक्त टिप्पणी की थी।

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