अमेरिकी राष्ट्रपति बोले, एक संप्रभु देश को मानचित्र से नहीं मिटा सकता रूस; UNGA के वोटिंग की सराहना की
इस युद्ध के लगभग आठ महीने हो गए हैं। बाइडन ने कहा कि दुनिया ने अभी यह प्रदर्शित किया है कि हम सब और अधिक एकजुट है। रूस को इसके उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए हम पहले से कहीं अधिक दृढ़ भी हैं। (फोटो सोर्स ANI)
By AgencyEdited By: Dhyanendra Singh ChauhanUpdated: Thu, 13 Oct 2022 08:17 AM (IST)
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइ़़डन ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में रूस के खिलाफ हुई वोटिंग और पास हुए प्रस्ताव की सराहना की। इस प्रस्ताव में रूस के चार यूक्रेनी क्षेत्रों के कब्जे की निंदा की गई है। व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि आज दुनिया के ज्यादातर देश अपनी-अपनी विचारधाराओं और सरकारों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करते हैं। सभी ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का बचाव करने के लिए मतदान किया है। यूक्रेन के क्षेत्र पर बल द्वारा कब्जा करने के रूस के अवैध प्रयास की निंदा की है।
रूस बल द्वारा सीमाओं को नहीं बदल सकता: बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की नींव को ही तोड़ रहा है। साथ ही कहा कि इस संघर्ष के दांव सभी के लिए स्पष्ट हैं और दुनिया ने जवाब में एक स्पष्ट संदेश भेजा है। रूस एक संप्रभु देश (Sovereign Nation) को मानचित्र से नहीं मिटा सकता है। रूस बल द्वारा सीमाओं को नहीं बदल सकता है। रूस किसी अन्य देश के क्षेत्र को अपने रूप में जब्त नहीं कर सकता है।
रूस के खिलाफ हम सब हैं एकजुट
इस युद्ध के लगभग आठ महीने हो गए हैं। बाइडन ने कहा कि दुनिया ने अभी यह प्रदर्शित किया है कि हम सब और अधिक एकजुट है। रूस को इसके उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए हम पहले से कहीं अधिक दृढ़ भी हैं।यह भी पढ़ें : UN में कश्मीर मुद्दा उठाने पर लगी पाक को लताड़, भारत ने कहा- जम्मू-कश्मीर का पूरा क्षेत्र हमारा अभिन्न अंग
संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के पक्ष में हैं खड़े
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि 143 देश स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के पक्ष में खड़े हैं। यहां तक कि 141 देशों से भी अधिक जिन्होंने मार्च में यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध की स्पष्ट रूप से निंदा करने के लिए मतदान किया है।यह भी पढ़ें : संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेनी इलाकों पर रूसी कब्जे के खिलाफ प्रस्ताव पारित, वोटिंग में भारत नहीं हुआ शामिल