S Jaishankar का मुरीद हुआ US, विदेश मंत्री को बताया- भारत-अमेरिका के आधुनिक रिश्ते का 'वास्तुकार'
अमेरिका ने विदेश मंत्री जयशंकर की प्रशंसा की। बिडेन प्रशासन के कई शीर्ष अधिकारियों ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को नए आयाम तक ले जाने के लिए विदेश मंत्री को दोनों देशों के आधुनिक संबंधों का वास्तुकार बताया है। जयशंकर शनिवार को भारतीय दूतावास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भारतवंशियों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि जी-20 का सफल आयोजन अमेरिका के समर्थन के बिना नहीं हो पाता।
वॉशिंगटन, पीटीआई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध अब तक के उच्चतम स्तर पर है। मोदी सरकार इसे और अलग स्तर पर ले जाने वाली है। हमारा रिश्ता चंद्रयान की तरह है। यह द्विपक्षीय संबंध चंद्रमा और उससे भी आगे तक जाएगा।
अमेरिकी अधिकारियों ने की एस जयशंकर की प्रशंसा
विदेश मंत्री एस जयशंकर 22 सितंबर से 30 सितंबर तक अमेरिका की यात्रा पर थे। इस दौरान उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 78वें सत्र को संबोधित किया।
बाइडेन प्रशासन ने विदेश मंत्री जयशंकर की प्रशंसा की। बिडेन प्रशासन के कई शीर्ष अधिकारियों ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को नए आयाम तक ले जाने के लिए विदेश मंत्री को दोनों देशों के आधुनिक संबंधों का 'वास्तुकार' (Architect of modern US-India relations) बताया है।
आज हमारे संबंधों की निर्णायक विशेषता है: एस जयशंकर
जयशंकर शनिवार को भारतीय दूतावास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भारतवंशियों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि जी-20 का सफल आयोजन अमेरिका के समर्थन के बिना नहीं हो पाता। मेजबान के रूप में, जब चीजें अच्छी होती हैं, तो मेजबान को हमेशा श्रेय मिलता है। यह उचित है, लेकिन अगर जी-20 के सभी सदस्य इसकी सफलता के लिए काम नहीं करते तो सभी साथ नहीं आ पाते।
उन्होंने आगे कहा,"मुझे लगता है कि यह जी-20 राष्ट्रों की सफलता थी। मेरे लिए यह भारत-अमेरिका साझेदारी की भी सफलता थी। देश एक दूसरे के साथ व्यापार करते हैं। एक दूसरे के साथ राजनीति करते हैं। उनके बीच सैन्य संबंध हैं, वे अभ्यास करते हैं। सांस्कृतिक आदान-प्रदान हैं। लेकिन जब दो देशों के बीच गहरा मानवीय संबंध हो, तो यह पूरी तरह से अलग स्थिति है। यही आज हमारे संबंधों की निर्णायक विशेषता है। इस द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान शानदार है।"
विदेश मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान नए भारत को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नया भारत चंद्रयान, कोविन और 5जी वाला भारत है। यह वह भारत है जो सबसे शानदार जी-20 आयोजित करने में सक्षम रहा। यह वह भारत है जिसे आज अमेरिका भी देखता है। यह वह भारत है जिसके साथ अमेरिका वास्तव में और अधिक निकटता से काम करने की इच्छा रखता है।
चंद्रयान-3 के इसरो विज्ञानियों का दृढ़ विश्वास आश्चर्यजनक था: विदेश मंत्री
जयशंकर ने भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता में योगदान देने वाले इसरो विज्ञानियों की सराहना करते हुए कहा कि मिशन को लेकर उनका ²ढ़ विश्वास अद्भुत था। उन्होंने 23 अगस्त को भारत के तीसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के बारे में चर्चा की।
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 से 24 अगस्त तक 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में थे लेकिन वह वहां से चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के बारे में लगातार जानकारी ले रहे थे और इसरो विज्ञानियों से लगातार बातचीत कर रहे थे क्योंकि वह तनावपूर्ण क्षण था।
जयशंकर ने आगे कहा कि यकीन मानिए, मोदी से बेहतर आश्वासन कोई नहीं दे सकता, जो आज पूरे देश को और कई मायनों में पूरी दुनिया को आश्वस्त कर रहे हैं।
भारतीय-अमेरिकियों ने अमेरिका में खुद की पहचान बनाई : नीरा टंडन
कार्यक्रम में व्हाइट हाउस की शीर्ष अधिकारी और संयुक्त राज्य घरेलू नीति परिषद की निदेशक नीरा टंडन ने कहा कि भारतीय-अमेरिकियों ने अमेरिका में खुद की अलग पहचान बनाई है और राष्ट्रपति जो बाइडन सरकार में इस समुदाय के सदस्य पूरे प्रशासन में हैं।
उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों की ताकत के बूते हमारे व्यक्ति से व्यक्ति और समुदाय से समुदाय स्तर पर संबंध बेहद मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि जब वह पहली बार वाॉशिंगटन पहुंचीं तो क्लिंटन प्रशासन में कुछ ही लोग थे जोकि भारतीय-अमेरिकी समाज से ताल्लुक रखते थे लेकिन आज भारतीय-अमेरिकी पूरे प्रशासन में हैं।
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