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पुतिन पर भड़के बाइडन, कहा- रूस के दावों को कभी मान्यता नहीं देगा अमेरिका; विलय के कदम को बताया 'बेशर्मी'

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि व्लादिमीर पुतिन की शाही महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए यूक्रेन पर रूस का हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के बुनियादी सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है ।

By AgencyEdited By: Dhyanendra Singh ChauhanUpdated: Fri, 30 Sep 2022 10:19 AM (IST)
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की फाइल फोटो
वाशिंगटन, आईएएनएस। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को औपचारिक रूप से यूक्रेन के चार इलाकों का अपने देश में विलय कर लेंगे। यह फैसला इन चार इलाकों में रूस के अपनी तरह के जनमत संग्रह के नतीजों के बाद लिया जाएगा। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। बाइडन ने कहा कि वाशिंगटन मास्को के इन दावों को कभी मान्यता नहीं देगा।

व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान के अनुसार गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने रूस के इस कदम को 'बेशर्मी' बताया है।

बाइडन ने कहा कि यह तथाकथित जनमत संग्रह एक दिखावा था। यह परिणाम मास्को में पहले से ही निर्धारित कर लिए गए हैं। स्वतंत्रता की रक्षा में यूक्रेनी लोगों की सच्ची इच्छा हर दिन स्पष्ट हो रही है। वे अपने लोगों को बचाने और अपने देश की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं।

रूस पर और प्रतिबंध लगाएगा अमेरिका

उन्होंने कहा कि पुतिन की शाही महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए यूक्रेन पर रूस का हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के बुनियादी सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है। इससे पहले बाइडन प्रशासन ने कहा था कि वह जनमत संग्रह के परिणामस्वरूप रूस पर प्रतिबंध लगाएगा।

आज विलय की घोषणा करेंगे पुतिन

क्रेमलिन ने गुरुवार को घोषणा की कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को मास्को के रेड स्क्वायर में एक बड़े कार्यक्रम में औपचारिक रूप से लुहान्स्क, डोनेट्स्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन के यूक्रेनी क्षेत्रों के विलय की घोषणा करेंगे।

क्रेमलिन ने कहा कि पिछले सप्ताह हुए तथाकथित जनमत संग्रह में क्षेत्रों ने रूस में शामिल होने के लिए मतदान किया है।

गुरुवार को अपनी घोषणा में क्रेमलिन ने कहा कि जापोरिज्जिया और खेरसॉन की स्वतंत्रता को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार मान्यता दी जा रही है और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में निहित है।

यूएन ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का बताया उल्लंघन

इस बीच, यूरोपीय संघ के सदस्य देश आठवें दौर के उपायों पर भी विचार कर रहे हैं। इसमें वोटों में शामिल किसी भी व्यक्ति पर प्रतिबंध शामिल है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार रूस के इस कदम की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि बल प्रयोग के आधार पर किसी देश के क्षेत्र पर कब्जा करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह एक खतरनाक वृद्धि है जिसका आधुनिक दुनिया में कोई स्थान नहीं है।

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