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'मैं जब बचपन में मां के साथ दीवाली मनाती थी...' कमला हैरिस ने भारत में बिताए पलों को किया याद; सुनाया भावुक किस्सा

US Election 2024 डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपने बचपन के पलों को याद किया है। एक लेख में उन्होंने बार-बार भारत जाने और कैंसर को ठीक करने के लिए अपनी मां की मुश्किल परिस्तिथियों को याद किया। कमला ने कहा कि जैसे-जैसे हम बड़े होते गए मेरी मां मुझे हमारी विरासत का सम्मान करना सिखाती थी।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 03 Nov 2024 02:47 PM (IST)
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US Election 2024 कमला हैरिस को दीवाली के पुराने दिन आए याद।
एजेंसी, वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को अब कुछ ही दिन बाकी है। डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस दोनों ही जीत के लिए जी जान लगा रहे हैं। इस बीच डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने अपने बचपन के पलों को याद किया है। एक लेख में उन्होंने बार-बार भारत जाने और कैंसर को ठीक करने के लिए अपनी मां की मुश्किल परिस्तिथियों को याद किया। 

मां मुझे हमेशा भारत लेकर जाती थीः हैरिस

कमला हैरिस ने कहा कि जैसे-जैसे हम बड़े होते गए, मेरी मां बहन और मुझे हमारी विरासत का सम्मान करना सिखाती थी। उन्होंने कहा कि लगभग हर दूसरे साल, हम दीवाली के लिए भारत जाते थे। हम अपने दादा-दादी, अपने चाचा और दूसरे लोगों के साथ समय बिताते थे। हैरिस ने एक ऑनलाइन चैनल द जैगरनॉट को लिखे पत्र में ये बातें कही।

दीवाली समारोह की मेजबानी करना सम्मान की बात

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि मेरे घर पर दीवाली समारोह की मेजबानी करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। उन्होंने कहा कि न केवल छुट्टी मनाने के लिए, बल्कि दक्षिण एशियाई अमेरिकी प्रवासियों के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और विरासत का जश्न मनाने के लिए ये दिन काफी भावुक था।

बता दें कि हैरिस ने अपने आवास पर इस बार दीवाली मिलन समारोह आयोजित किया था।

5 नवंबर को अमेरिका में चुनाव

5 नवंबर के आम चुनावों से तीन दिन पहले हैरिस ने लेख में लिखा कि 19 साल की उम्र में उनकी मां श्यामला हैरिस ने अकेले ही भारत से अमेरिका तक की यात्रा की। उन्होंने लिखा, "मेरी मां के जीवन में दो लक्ष्य थे, अपनी दो बेटियों, मेरी बहन माया और मुझे पालना और स्तन कैंसर का इलाज करना। जब मैं छोटी थी, तब हम भारत की यात्रा करते थे, तो हम अपने दादा पी.वी. गोपालन से भी मिलने जाते थे। मेरे दादा एक सेवानिवृत्त सिविल सेवक थे।

दादा से लोकतंत्र के महत्व को जाना

हैरिस ने आगे बताया कि मेरे दादा सुबह की दिनचर्या में अपने सेवानिवृत्त दोस्तों के साथ समुद्र तट पर लंबी सैर करते थे। उन्होंने कहा कि मैं भी उनके साथ जाती थी और लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों के लिए लड़ने के महत्व के बारे में कहानियां सुनती थी।

दादा के कारण मैं जनसेवा में उतरी

कमला हैरिस ने आगे कहा कि मुझे याद है कि मेरे दादाजी ने मुझे न केवल लोकतंत्र का मतलब बल्कि लोकतंत्र को बनाए रखने के बारे में सबक सिखाया। उन सबकों ने सबसे पहले मुझे लोगों की सेवा करने में मेरी रुचि को प्रेरित किया और वे आज भी मेरा मार्गदर्शन करते हैं।