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US Election 2024: कमला हैरिस करेंगी जनता को संबोधित, ट्रंप और अपने प्रशासन के संचालन की करेंगी तुलना

अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले हैं। वहीं एक सर्वे में सामने आया है कि कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला होगा। इस बीच कमला हैरिस 29 अक्टूबर को व्हाइट हाउस के बाहर एलिप्से से लोगों को संबोधित करेंगी। इस दौरान हैरिस डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चुनाव से पहले अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगी।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Thu, 24 Oct 2024 04:22 PM (IST)
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29 अक्टूबर को कमला हैरिस करेंगी जनता को संबोधित (फाइल फोटो)
पीटीआई, वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव पांच नवंबर को होने वाले हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक सर्वे में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच काफी नजदीकी मुकाबला बताया जा रहा है।

इस बीच, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने 29 अक्टूबर को व्हाइट हाउस के बाहर एलिप्से से लोगों को संबोधित करने का फैसला किया है। इस दौरान हैरिस डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चुनाव से पहले अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगी। वह अपने प्रशासन के संचालन के तरीके की तुलना ट्रंप के प्रशासन से करेंगी।

नई दृष्टि से वोट करे जनता- हैरिस

हैरिस ने राष्ट्र से भावुक अपील करने और देशवासियों से नई दृष्टि के लिए वोट करने का आग्रह करने की भी योजना बनाई है। ऐतिहासिक एलिप्से पार्क से होने वाले संबोधन को सुनने के लिए हजारों समर्थकों के शामिल होने की उम्मीद है। यह पार्क व्हाइट हाउस साउथ लान के पास है। यह वही जगह है, जहां ट्रंप ने छह जनवरी 2021 को रैली को संबोधित किया था।

रैली के बाद हजारों की संख्या में उनके समर्थकों ने कैपिटल हिल की ओर मार्च किया था। उनके समर्थक जबरन अमेरिकी कांग्रेस में घुस गए और हिंसक हो गए।

इस बीच, कमला हैरिस ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए रिपब्लिकन प्रत्याशी को देश का नेतृत्व करने के लिए अयोग्य करार दिया है। उन्होंने कहा कि कल हमें पता चला कि ट्रंप के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ जान केली ने पुष्टि की है कि जब ट्रंप राष्ट्रपति थे, तो उन्होंने कहा था कि वह हिटलर जैसा जनरल चाहते हैं। ट्रंप ने ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि वह ऐसी सेना नहीं चाहते जो अमेरिका के संविधान के प्रति वफादार हो। वह ऐसी सेना चाहते हैं जो उनके प्रति वफादार हो।

विदेशी ताकतें फैला सकती हैं हिंसा

अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने देश में पांच नवंबर को होने जा रहे चुनाव से पहले रूस, चीन और ईरान द्वारा अमेरिकियों को फूट डालकर बरगलाने और चुनाव बाद हिंसा भड़काने का शक जताया है। खुफिया अधिकारियों ने अमेरिकी चुनाव की सुरक्षा पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए यह आशंका व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि विदेशी ताकतें अपनी मंशा पूरी करने को हिंसा फैलाने के लिए धमकियों और दुष्प्रचार का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। ये ताकतें अनिश्चितता पैदा कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि विदेशी ताकतें खासकर रूस, ईरान और चीन समाज में विघटन पैदा करने पर उतारू हैं।

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