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जानें F-35A लड़ाकू विमान से जुड़ी कुछ खास बातें, जिसको दिखाकर यूएस ने फैलाई मध्‍यपूर्व में दहशत

अमेरिका ने ईरान की कार्रवाई के जवाब में अपने एफ-35ए विमानों को दिखाकर एक बार फिर से अपना दम दिखाने की कोशिश की है। जानें इसकी खूबियां।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 10 Jan 2020 06:12 AM (IST)
जानें F-35A लड़ाकू विमान से जुड़ी कुछ खास बातें, जिसको दिखाकर यूएस ने फैलाई मध्‍यपूर्व में दहशत
नई दिल्‍ली जागरण स्‍पेशल। मध्‍य पूर्व में ईरान से उपजे तनाव के बाद अमेरिका ने अपने एफ 35ए लड़ाकू विमानों को दिखाकर जो संकेत देने की कोशिश की है उसको लेकर पूरा विश्‍व चिंतित है। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि आखिर कई दूसरे अत्‍याधुनिक विमान होने के बावजूद अमेरिका ने इस पर ही क्‍यों विश्‍वास जताया है। हम आज आपको इस सवाल का ही जवाब यहां पर दे रहे हैं। उथाह के हिल एयर फोर्स बेस में यह एलिफैंट वॉक की तस्‍वीर पूरी दुनिया की मीडिया में छाई हुई है। 

सिंगल इंजन वाला है ये जेट

F-35A लड़ाकू विमान को अमेरिकी कंपनी लॉकहिड मार्टिन ने बनाया है। यह एक सिंगल सीट और सिंगल इंजन वाला लड़ाकू विमान है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह विमान किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। पांचवीं पी‍ढ़ी का यह लड़ाकू विमान युद्ध में विभिन्‍न भूमिकाओं में अहम साबित हो सकता है। इसको इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह ग्राउंड अटैक के अलावा हवा में भी दुश्‍मन के छक्‍के छुड़ाने में कामयाब हो सकता है। आपको बता दें कि इस विमान को लॉकहिड मार्टिन के अलावा कुछ दूसरी कंपनियां भी बनाती हैं जिनमें नॉर्थरॉप ग्रुमन, प्रेट एंड व्‍हाइटने और बीएई सिस्‍टम शामिल है। 

F-35 के ही तीन अलग-अलग मॉडल

F-35A को कंपनी ने तीन अलग-अलग मॉडल्‍स में तैयार किया है, जिनकी अपनी अलग खासियत है। इसमें F-35A कंवेंशनल टेकऑफ और लैंडिंग कर सकता है। इसके अलावा F-35B शॉर्ट टेकऑफ के अलावा वर्टिकल लैंडिंग कर सकता है। वहीं इसी पंक्ति के F-35C लड़ाकू विमान को खासतौर एयरक्राफ्ट करियर की सुविधा के अनुसार बनाया गया है। यह विमान एयरक्राफ्ट करियर पर उतरते और टेकऑफ के समय केटापल्‍ट का इस्‍तेमाल करता है, जो इसको कुछ ही सेकेंड में जबरदस्‍त स्‍पीड देता है। F-35 को दरअसल X-35 की ही तरह डिजाइन किया गया है। यूएस एयरफोर्स में इसको पेंथर के नाम से भी जाना जाता है।  

नहीं पकड़ सकते दुश्‍मन के राडार  

इन सभी के अलावा इसकी एक बड़ी खासियत में इसका दुश्‍मन के राडार में न आना भी है। इसकी वजह है इसका आकार और इसका फाइबर मैट। इसकी वजह से यह राडार पर गायब हो जाता है। इस तकनीक की वजह से यह संकेंतों को अवशोषित कर लेता है। इस जेट में मशीनगन के अलावा हवा से हवा और जमीन पर मार करने वाली मिसाइल भी लगी होती हैं। यह विमान 1930 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इस तरह के एक जेट की कीमत करीब 31 करोड़ रुपये है। यह विमान 910किलो के छह बम ले जाने में सक्षम है जो दुश्‍मन को बर्बाद कर सकते हैं।  

इनके पास है ये विमान

F-35 की तकनीक विकसित करने और इसको बनाने की प्रक्रिया में फंड देने वालों की बात करें तो इसमें केवल अमेरिका ही शामिल नहीं है, बल्कि नाटो के दूसरे सहयोगी देश भी शामिल हैं। इसमें ब्रिटेन, इटली, आस्‍ट्रेलिया, कनाडा, नॉर्वे, डेनमार्क, नीदरलैंड और तुर्की शामिल है। हालांकि हालांकि जुलाई 2019 में तुर्की को इससे बाहर कर दिया गया था। अमेरिका के अलावा ये विमान आस्‍ट्रेलिया, बेल्जियम,डेनमार्क, इटली, जापान,नीदरलैंड, नॉर्वे, पौलेंड, दक्षिण कोरिया, तुर्की के पास भी है।

यूएस का सबसे महंगा प्रोजेक्‍ट

आपको यहां पर ये भी बता दें कि F-35 लड़ाकू विमान अमेरिका के सबसे महंगे प्रोजेक्‍ट में शामिल है। 2013 और फिर 2014 में इस प्रोजेक्‍ट को लेकर सरकार पर सवाल तक उठने लगे थे। इन आरोपों में इस विमान के डिजाइन में खराबी होने तक की बात कही जा रही थी। इस वक्‍त तक इस प्रोजेक्‍ट की राशि 163 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंची थी। वहीं यह प्रोजेक्‍ट अपने तय समय से काफी पीछे चल रहा था। 

2016 में भरी थी पहली उड़ान

हालांकि F-35 के शुरुआती मॉडल की बात करें तो इसने पहली बार 15 दिसंबर 2016 को अपनी उड़ान भरी थी। जुलाई 2015 में अमेरिकी सरकार ने यूएस मरीन के लिए इसकी पहली स्‍क्‍वाड्रन का गठन किया था। इसके बाद अगस्‍त 2016 में यूएस एयरफोर्स में इसकी पहली स्‍क्‍वाड्रन का गठन कर इसको तैनाती के आदेश दिए गए। अमेरिका ने फरवरी 2019 में इस विमान को अपनी नौसेना में भी शामिल किया। मध्‍य पूर्व में इसकी तैनाती की बात करे तो 15 अप्रेल 2019 को यूएई के अल दाफरा एयरबेस पर पहली बार अमेरिका ने इस लड़ाकू विमान को तैनात किया था। इसी दौरान उत्‍तरी इराक में पहली बार आईएस के ठिकानों पर हमले के लिए इसका इस्‍तेमाल किया गया था। 

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