दुर्लभ बीमारी का शिकार हुआ 21 महीने का हृदयांश, भारतीय-अमेरिकी ने बढ़ाया मदद का हाथ; जान बचाने के लिए 17 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत
दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे हृदयांश की जिंदगी को बचाने के लिए एक मात्र संभावित उपचार है जोल्जेंस्मा नामक इन्जेक्शन है जो एक उत्कृष्ट जीन चिकित्सा उपचार है जो इस प्रकार की सएमए जैसी बीमारी से ग्रसित बच्चों को जीवन जीने की आशा प्रदान करता है। गौरतलब है मासूम हृदयांश को दुर्लभ बीमारी से बचाने के लिए उनके पिता नरेश शर्मा के पास दो महीने का ही समय है।
हृदयांश की जान बनाने के लिए शुरू की गई मुहिम
#WATCH | Jaipur, Rajasthan: Police Sub Inspector Naresh Sharma has started a campaign to save the life of his 21-month-old son Hridayansh, who is suffering from a serious disease Spinal Muscular Atrophy (SMA). The only treatment for this disease is an injection (Zolgensma… pic.twitter.com/9arANCLoXi
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 3, 2024
क्या कहते हैं चिकित्सक
चिकित्सक की राय के अनुसार, दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे हृदयांश की जिंदगी को बचाने के लिए एक मात्र संभावित उपचार है जोल्जेंस्मा नामक इन्जेक्शन है, जो एक उत्कृष्ट जीन चिकित्सा उपचार है, जो इस प्रकार की सएमए जैसी बीमारी से ग्रसित बच्चों को जीवन जीने की आशा प्रदान करता है।
मासूम हृदयांश के पास है दो महीने का समय
गौरतलब है मासूम हृदयांश को दुर्लभ बीमारी से बचाने के लिए उनके पिता नरेश शर्मा के पास दो महीने का ही समय है। घातक बीमारी से ग्रसित हृदयांश का कमर से नीचे का हिस्सा बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा है। इस बीमारी का इलाज 24 महीने की उम्र तक ही उपचार किया जाता है। अमेरिका स्थित राजस्थान एलायंस ऑफ नार्थ अमेरिकन (राना) और जयपुर फुट यूएसए के सदस्य नन्हे हृदयांश के लिए योगदान देने और धन जुटाने के लिए आगे आए हैं।क्या बोले पिता नरेश शर्मा
#WATCH | Police Sub Inspector Naresh Sharma says, " Our son did not start crawling even after he was 8 months old. So we took him to a hospital in Jaipur and doctor said that he has weak muscles and suggested physiotherapy. Later we went to another hospital as there was no… https://t.co/I4HBubLxWh pic.twitter.com/tB6djZmdDJ
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 3, 2024