Baloch Protest in US: पाकिस्तान के खिलाफ बलूचिस्तान प्रवासियों का विरोध प्रदर्शन, व्हाइट हाउस के बाहर पोस्टर लेकर लगाए नारे
पाकिस्तान और बलूच लोगों को जबरन गायब करने के खिलाफ बलूचिस्तान प्रवासी के सदस्यों ने व्हाइट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बीच वहीद बलूच ने कहा कि हम पिछले 75 वर्षों से पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर किए जा रहे अत्याचारों का विरोध कर रहे हैं।हम यहां उन बलूच परिवारों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिनका अपहरण कर लिया गया था और वे लापता हैं।
एएनआई, वाशिंगटन डी.सी। Baloch Protest in US: पाकिस्तान और बलूच लोगों को जबरन गायब करने के खिलाफ बलूचिस्तान प्रवासी के सदस्यों ने व्हाइट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में से एक बलूचिस्तान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष वहीद बलूच ने कहा कि वे यह विरोध प्रदर्शन पिछले 75 वर्षों में बलूचिस्तान में हुए अत्याचारों के खिलाफ कर रहे हैं।
प्रदर्शन के बीच वहीद बलूच ने कहा कि 'हम पिछले 75 वर्षों से पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर किए जा रहे अत्याचारों का विरोध कर रहे हैं। हम यहां उन बलूच परिवारों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिनका अपहरण कर लिया गया था और वे लापता हैं। पिछले 75 सालों से पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर जबरदस्ती कब्जा कर रखा है।'
पाकिस्तान में कभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुआ
जब उनसे पाकिस्तान में आगामी आम चुनावों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चुनावों की कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि वहां कभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में कभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुआ है और बलूचिस्तान के लिए कोई उम्मीद नहीं है, वे सिर्फ अपने उम्मीदवारों को दोबारा चुनते हैं। यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है।'
ध्यान भटकाने वाली रणनीति करता है पाकिस्तान
इसके अलावा, पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि बलूचियों को भारत सरकार द्वारा मदद मिल रही है। इस दावे को उन्होंने पूरी तरह से खारिज कर दिया और कहा कि पाकिस्तान ने पहले भी झूठ बोला है और फिर से झूठ बोल रहा है।
'पाकिस्तान सिर्फ इतना कहते हैं कि बलूचियों को भारत सरकार द्वारा मदद मिल रही है, लेकिन उन्होंने कभी कोई सबूत पेश नहीं किया। यह बकवास है। उन्होंने पहले भी झूठ बोला था और अब भी झूठ बोल रहे हैं। अगर भारत बलूचिस्तान का समर्थन कर रहा होता तो बलूचिस्तान इतना कमजोर नहीं होता। ये सिर्फ ध्यान भटकाने वाली रणनीति हैं।'