Move to Jagran APP

नासा ने की खोज, धरती पर पहली बार पानी कहां से और कैसे आया

हालिया अध्ययन में सामने आया है कि सौरमंडल विकसित होने के 20 लाख वर्ष बाद (वर्तमान से 4.56 अरब वर्ष पूर्व) उल्कापिंड पृथ्वी पर पानी लेकर आए थे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Mon, 22 Jan 2018 12:26 PM (IST)
Hero Image
नासा ने की खोज, धरती पर पहली बार पानी कहां से और कैसे आया

बोस्टन (प्रेट्र)। पृथ्वी पर जीवन के विकास के लिए पानी और कार्बन अति आवश्यक तत्वों में शुमार हैं। इन दोनों के बगैर पृथ्वी पर जीवन का संभव होना महज कोरी कल्पना है। ये दोनों तत्व धरती पर किस तरह पहुंचे, इसपर वैज्ञानिक लगातर शोध कर रहे हैं। हालिया अध्ययन में सामने आया है कि सौरमंडल विकसित होने के 20 लाख वर्ष बाद (वर्तमान से 4.56 अरब वर्ष पूर्व) उल्कापिंड पृथ्वी पर पानी लेकर आए थे। तब धरती का आकार वर्तमान का केवल 20 फीसद ही था।

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, अमेरिका के वैज्ञानिक एडम सैराफियन ने कहा, ‘इन उल्कापिंड के पैरेंट बॉडी यानी धूमकेतू और छोटे ग्रहों का अध्ययन किया जा रहा है। इससे पता चल सकेगा कि सौरमंडल के आरंभिक वर्षो में ये कहां पाए जाते थे और इनके पास कितनी मात्रा में पानी उपलब्ध था।’

सौरमंडल के भीतरी हिस्से में आज से 4.56 अरब वर्ष पूर्व एंगराइट उल्कापिंडों का निर्माण हुआ था। उस समय सौरमंडल बहुत गर्म था। इसके कारण क्षुद्रग्रह पिघलने लगे थे। 4,800 डिग्री सेल्सियस पर कार्बन भी वाष्प बनकर उड़ जाता था। ऐसे में पानी का निर्माण असंभव था। हाइड्रोजन जो पानी का प्रमुख घटक है, वह कम तापमान में ही वाष्पीकृत हो जाता है। ऐसे में पानी के धरती पर आने के समय की बात साफ नहीं पा रही थी।

वैज्ञानिकों ने फिर उल्कापिंडों में मौजूद ओलिवाइन तत्व का अध्ययन किया। इसमें पता चला कि वर्तमान में पृथ्वी पर मौजूद पानी का 20 फीसद एंगराइट के पैरेंट क्षुद्रग्रहों पर मौजूद था। इन क्षुद्रग्रहों पर उपलब्ध पानी की संरचना पृथ्वी के पानी से मिलती है। इससे सिद्ध होता है कि पृथ्वी पर पानी उल्कापिंड ही लेकर आए थे। धरती जब ठंडी होने लगी, उससे पहले यहां पानी पहुंच चुका था। 

यह भी पढ़ें : थम गए दुनिया की सबसे पुरानी घड़ी के कांटे, जानें इससे जुड़ी दंतकथाएं