मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'आयुष्मान भारत' को अमेरिकी थिंक टैंक ने सराहा
आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है। मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को अब अमेरिकी सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने तारीफ की है।
By Dhyanendra SinghEdited By: Updated: Sat, 11 May 2019 09:17 PM (IST)
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के एक शीर्ष थिंक टैंक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना 'आयुष्मान भारत' की सराहना की है। सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट (सीजीडी) ने शुक्रवार को कहा कि 'आयुष्मान भारत' यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज) की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह किस तरीके से काम करे और इसके तहत उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएं, जिसकी भारतीयों को जरूरत है।
सकारात्मक प्रयास है 'आयुष्मान भारत'
वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक सीजीडी के शोधकर्ताओं ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पहले साल के विश्लेषण के आधार पर कहा कि कुल मिलाकर यह प्रयास सकारात्मक रहा है। उन्होंने हालांकि लागत और गुणवत्ता से संबंधित कुछ चुनौतियां भी गिनाई और कहा कि अगर इनसे नहीं निपटा गया तो योजना पटरी से उतर सकती है।योजना में थोड़ी सुधार की जरूरत
सीजीडी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अमांडा ग्लासमैन ने कहा, 'मोदीकेयर (आयुष्मान भारत योजना) के चलते करोड़ों लोग हेल्थकेयर के दायरे में आए हैं। इससे सरकार द्वारा वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा ले रहे लोगों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है। हमने पाया है कि 50 करोड़ से ज्यादा लोग अब मोदीकेयर के दायरे या सरकार प्रायोजित कार्यक्रम के लिए पात्र हैं। यह बेहद प्रभावशाली संख्या है, लेकिन लागत कम करने और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए अभी काफी कुछ करना बाकी है।'
वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक सीजीडी के शोधकर्ताओं ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पहले साल के विश्लेषण के आधार पर कहा कि कुल मिलाकर यह प्रयास सकारात्मक रहा है। उन्होंने हालांकि लागत और गुणवत्ता से संबंधित कुछ चुनौतियां भी गिनाई और कहा कि अगर इनसे नहीं निपटा गया तो योजना पटरी से उतर सकती है।योजना में थोड़ी सुधार की जरूरत
सीजीडी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अमांडा ग्लासमैन ने कहा, 'मोदीकेयर (आयुष्मान भारत योजना) के चलते करोड़ों लोग हेल्थकेयर के दायरे में आए हैं। इससे सरकार द्वारा वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा ले रहे लोगों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है। हमने पाया है कि 50 करोड़ से ज्यादा लोग अब मोदीकेयर के दायरे या सरकार प्रायोजित कार्यक्रम के लिए पात्र हैं। यह बेहद प्रभावशाली संख्या है, लेकिन लागत कम करने और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए अभी काफी कुछ करना बाकी है।'