9/11 के आतंकी हमले के चंद सालों बाद हुआ था काबुल एयरपोर्ट में मारे गए 12 अमेरिकी सैनिकों का जन्म
पिछले सप्ताह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले में मारे गए कुल 13 अमेरिकी सैनिकों में से 12 की पैदाइश 9/11 आतंकी हमले के समय की है जो अजीब सा संयोग है।
By Monika MinalEdited By: Updated: Mon, 30 Aug 2021 04:35 PM (IST)
वाशिंगटन, आइएएनएस। विगत 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) के आतंकी हमले (Terror Attack) में मारे गए 13 में से 12 अमेरिकी सैनिक 9/11 के आतंकी हमले के कुछ ही अंतराल के बाद की पैदाइश हैं। इन सभी सैनिकों की उम्र 20 से 25 साल थी। इन सभी अमेरिकी सैनिकों का जन्म 11 सितंबर, 2001 के आतंकी हमले के कुछ सालों के अंदर ही हुआ है। इस हमले के बाद अमेरिका (US) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) और इराक (Iraq) में दो लंबे युद्ध लड़े।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक, हमले में मारे गए सभी सैनिकों ने अमेरिका को हमेशा युद्ध करते ही देखा। होमलैंड सिक्योरिटी की सुरक्षा के बगैर भी रहा जा सकता था कभी, उन्हें इसका अंदाजा तक नहीं है। वह ऐसी दुनिया में कभी नहीं रहे जहां कोई आइडी चेक कराए बगैर आफिस की बिल्डिंग में जा सकता है। स्कूल और मॉल में मेटल डिटेक्टर जबकि एयरपोर्ट पर जूतों का भी एक्सरे जरूरी है।
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक हमले में शहीद हुए 23 वर्षीय मरीन कार्प सार्जेट निकोल एल.गी के दोस्त हैरिसन ने फेसबुक पर लिखी पोस्ट में बताया कि हमारी पीढ़ी ने इराक और अफगानिस्तान के पूर्व सैनिकों के किस्सों को सालों से सुना है। युद्ध और उसके अनुभवों के बारे में सुनकर यह सोचना कि ऐसा अनुभव उन्हें कभी नहीं होगा यह सोचना बहुत आसान है। चूंकि आपने शांतिकाल में मरीन कार्प को ज्वाइन किया है।
काबुल एयरपोर्ट पर घातक आत्मघाती हमले के बाद तालिबान इस्लामिक स्टेट (खोरासान प्रांत) पर नकेल कस रहा है, जिसमें आठ अमेरिकी नौसैनिक और एक दर्जन से अधिक तालिबान सदस्य मारे गए थे। बता दें कि फोर्ब्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि अमेरिका ने वर्ष 2001 से अफगान सुरक्षा बलों को अनुमानित 83 अरब डॉलर का प्रशिक्षण और उपकरण मुहैया कराए हैं। इस साल अफगान बलों को अमेरिकी सैन्य सहायता 3 अरब डॉलर की रही है।