भारत को MQ9-B ड्रोन बेचने के लिए अगला कदम उठाएगा अमेरिका, अगले चरण में पहुंची बिक्री प्रक्रिया
US MQ9B Drone भारत को 31 एमक्यू9-बी स्काईगार्डियन ड्रोन की बिक्री का काम अब तेज होने की उम्मीद है। कांग्रेस की अधिसूचना के 30 दिन की अनिवार्य अवधि पूरी हो गई है और बिक्री प्रक्रिया अगले चरण में प्रवेश कर गई है। इस ड्रोन सौदे की घोषणा जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी।
वॉशिंगटन, पीटीआई। भारत को 31 एमक्यू9-बी स्काईगार्डियन ड्रोन की बिक्री में अब तेजी आने की उम्मीद है। सौदे की समीक्षा के लिए कांग्रेस की अधिसूचना की 30 दिनों की अनिवार्यता रविवार को सांसदों की आपत्ति के बिना पूरी होने की संभावना है। इसके बाद अमेरिका द्वारा भारत को एमक्यू-9बी ड्रोन बेचने के लिए अगला कदम उठाने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि, आगामी आम चुनाव को देखते हुए नियमित प्रक्रियात्मक मामलों में कुछ देरी हो सकती है।
रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने किया भारत को सूचित
रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने फरवरी में अमेरिकी कांग्रेस को 31 एमक्यू-9बी ड्रोन और संबंधित उपकरणों की भारत को बिक्री किए जाने के बारे में अधिसूचित किया था। डीएससीए ने कहा था कि विदेश मंत्रालय इस सौदे को लेकर प्रतिबद्ध है। इस सौदे की अनुमानित लागत 3.99 अरब डॉलर है। 31 एमक्यू-9बी स्काईगार्डियन ड्रोन की लागत 1.70 अरब डॉलर है, जबकि प्रौद्योगिकी और उपकरण सहित बाकी सेवाओं की लागत 2.29 अरब डॉलर होने का अनुमान है। 31 एमक्यू-9बी स्काईगार्डियन ड्रोन के अलावा प्रस्तावित सौदे में 161 एंबेडेड ग्लोबल पोजिशनिंग एंड इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और 35 एल3 रियो ग्रांडे कम्युनिकेशंस इंटेलिजेंस सेंसर सूट शामिल हैं।
पीएम मोदी के दौरान की गई थी घोषणा
इस ड्रोन सौदे की घोषणा जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी। विदेश विभाग से पत्र निकलने के बाद भारत का अगला कदम अमेरिका को इस मामले पर एक औपचारिक स्वीकृति पत्र देना है।एमक्यू-9बी ड्रोन की विशेषताएं
एमक्यू-9बी ड्रोन भारत को अपनी सीमाओं पर निगरानी क्षमता बढ़ाने और संभावित खतरों की निगरानी करने में सक्षम बनाएगा। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे पर नजर रखने के लिए भी इन ड्रोनों का इस्तेमाल होगा। इस तरह के सशस्त्र ड्रोन लड़ाकू विमानों की तरह दुश्मन के ठिकानों पर मिसाइलें और गोला-बारूद दागने की क्षमता रखते हैं। ये ड्रोन निगरानी और टोह लेने में सक्षम हैं। इनका सशस्त्र संस्करण हेलफायर मिसाइलों से लैस है। ये ड्रोन लंबी दूरी तक उड़ान भरकर खुफिया जानकारी जुटाने और निगरानी रखने में माहिर हैं।
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