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नासा का नया टूल Atomic Clock, अब पृथ्‍वी से सिग्‍नल का नहीं करना होगा इंतजार

अब पृथ्‍वी से सिग्‍नल का इंतजार करने के बजाय नासा की नई खोज ‘एटॉमिक क्‍लॉक’ के जरिए स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में नैविगेशन करेगा।

By Monika MinalEdited By: Updated: Sat, 31 Aug 2019 05:51 PM (IST)
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नासा का नया टूल Atomic Clock, अब पृथ्‍वी से सिग्‍नल का नहीं करना होगा इंतजार

वाशिंगटन, आइएएनएस। नासा ने एक एटॉमिक क्‍लॉक ( Atomic Clock) एक्‍टीवेट किया है जो स्‍पेसक्राफ्ट को सुरक्षित तरीके से अंतरिक्ष में नैविगेशन में मदद करेगी। इसके बाद पृथ्‍वी से सिग्‍नल मिलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा जिसमें काफी समय लगता था। जून में लांच किए गए नासा के डीप स्‍पेस एटॉमिक क्‍लॉक के बारे में नासा ने इसी हफ्ते जानकारी दी है।

कैलिफोर्निया के पासाडेना में नासा के जेट प्रपल्‍शन लैब में विकसित किया गया यह एटॉमिक क्लॉक आसानी से स्‍पेसक्राफ्ट में रखा जा सकता है। अंतरिक्ष के लिए बनाए गए एटॉमिक क्‍लॉक का सही होना अति आवश्‍यक है। यहां एक सेकेंड की भी गलती का मतलब ग्रहों पर लैंडिंग में अंतर ले आएगा या सैंकड़ों हजारों मील की दूरियों का अंतर हो जाएगा।

यह क्‍लॉक अपने फ्रेम में फंसे मर्करी आयन के बिहेवियर के अनुसार काम करती है। यह जून से ही कक्षा में है लेकिन 23 अगस्‍त को एक्‍टिवेट हुई है। नासा में प्रोजेक्‍ट लीडर व एयरोस्‍पेस इंजीनियर जिल सियूबर्ट ने बताया, ‘यह कोई चमकदार सी वस्‍तु नहीं बल्‍कि एक भूरे रंग का बक्‍सा है। इसका आकार टोस्‍टर जितना है और इसमें तारों का जाल है।’

फिलहाल नैविगेटर पृथ्‍वी पर रेफ्रिजरेटर के आकार की एटॉमिक घड़ियों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं जो स्‍पेसक्राफ्ट का लोकेशन बताता है। मिनट से लेकर घंटे तक का संदेश पृथ्‍वी से सिग्‍नल के तौर पर स्‍पेसक्राफ्ट में पहुंचता है जहां इसका इस्‍तेमाल निर्देशों को बनाने में किया जाता है और फिर इसे वापस पृथ्‍वी पर भेजा जाता है।

इस एटॉमिक क्‍लॉक से स्‍पेसक्राफ्ट अपनी ट्रैजेक्‍टरी की गणना कर सकता है बजाए पृथ्‍वी की ओर से निर्देश का इंतजार करे। इससे अंतरिक्ष में दूर तक मिशन नैविगेट कर सकता है और मनुष्‍यों को दूसरे ग्रह तक सुरक्षित पहुंचा सकता है।

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