Artemis-1 Mission का सफलतापूर्वक लान्च होना ही काफी नहीं, जरूरी होगी Orion Spacecraft की भी कामयाबी
नासा एक बार फिर से अपने Artemis-1 Mission को लान्च करने वाला है। इसके जरिए नासा ने अपने मून मिशन के सपने संजोए हैं। इसलिए केवल इसको सफलतापूर्वक लान्च करना ही काफी नहीं होगा बल्कि ओरियन को भी सफल होना होगा।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। नासा एक बार फिर से वर्ष 2024 में चांद पर इंसान को भेजने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए नासा का Artemis 1 मून मिशन काफी मायने रखता है। दरअसल, अपने स्पेस लान्च व्हीकल के जरिए नासा जिस ओरियन स्पेसक्राफ्ट के जरिए इंसान को चांद पर भेजने की कवायद कर रहा है, उसके इस मिशन में कामयाबी पर ही आर्टिमिस 1 की सफलता पर ही टिकी है। यही ओरियन स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह का जायजा लेगा।
ओरियन स्पेसक्राफ्ट
नासा इस मिशन के जरिए इस स्पेसक्राफ्ट पर पड़ने वाले असर को देखना चाहता है। इसके बाद ही नासा अपने मानव मिशन को भेजने का फैसला लेगा। यही वजह है कि आर्टिमिस 1 के सफल होने से ही बात नहीं बनने वाली है इसके लिए ओरियन स्पेसक्राफ्ट को भी वैज्ञानिकों की उम्मदों पर खरा उतरना होगा। नासा का भविष्य में भेजे जाने वाले अपने मानव मिशन के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए चांद पर जाने वाला क्रू भी तय किया जा चुका है। उनका ट्रेनिंग प्रोग्राम भी लगातार जारी है।
14 नवंबर को होगा फिर लान्चिंग का प्रयास
पिछले 3-4 बार अपने आर्टिमिस-1 मिशन को लान्च करने में विफल रहने के बाद अब एक बार फिर से नासा 14 नवंबर को प्रयास करने वाला है। इसको लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो गई है। मिशन लान्च विंडो 12 नवंबर को खोल दी जागी। इसके साथ ही इसका काउंटडाउन भी शुरू हो जाएगा। नासा को इस मिशन को लेकर लगातार मिल रही विफलता की वजह से काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। दरअसल, इस मिशन का जब पहली बार लान्च किया जाना था तब देश विदेश के हजारों लोग फ्लोरिडा पहुंचे थे। इनका मकसद इसको लान्च होते हुए देखना था। लेकिन उस वक्त और बाद में भी उन्हें निराशा हाथ लगी थी। ऐसे में इस मिशन को सफलतापूर्वक लान्च करना नासा के लिए एक प्रतिष्ठा का सवाल भी बन गया है।
कैनेडी स्पेस सेंटर फिर तैयार
कैनेडी स्पेस सेंटर अगले लान्च के लिए तैयार हो चुका है। नासा का स्पेस लान्च व्हीकल दोबारा लान्चिंग पैड पर पहुंच चुका है। बता दें कि 26 सितंबर को फ्लोरिडा समेत दूसरे इलाकों में आए जबरदस्त हरीकेन इयान के खतरे के मद्देनजर इस राकेट को वापस व्हीकल असेंबली बिल्डिंग में भेज दिया गया था। नासा के लिए ये एक बड़ा झटा भी था। नासा इससे पहले इस राकेट की सभी तकनीकी परेशानियों से जूझती दिखाई दी थी। लान्चिंग के दौरान बार-बार आती दिक्कतों ने नासा के वैज्ञानिकों को परेशान कर दिया था। नासा के वैज्ञानिक इसमें आई हाइड्रोजन लीकेज की समस्या को अंत तक नहीं सुलझा सके थे। हालांकि नासा ने अब कहा है कि व्हीकल असेंबली बिल्डिंग में इस समस्या को पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया गया है।