नासा ने पेस सैटेलाइट किया लॉन्च, तूफान और मौसम के अन्य पूर्वानुमानों को बेहतर बनाने में मिलेगी मदद
Pace Satellite गर्म होती धरती के महासागरों और वायुमंडल का अंतरिक्ष से विस्तृत सर्वेक्षण करने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का जलवायु उपग्रह स्पेसएक्स के फॉल्कन राकेट से गुरुवार को रवाना हो गया। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष से धरती पर मौजूद महासागरों झीलों और नदियों का सर्वेक्षण किया जाएगा। मिशन का नाम प्लैंकटन एरोसोल क्लाउड ओशन इकोसिस्टम (पेस) है।
एपी, केप केनवेरल। गर्म होती धरती के महासागरों और वायुमंडल का अंतरिक्ष से विस्तृत सर्वेक्षण करने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का जलवायु उपग्रह स्पेसएक्स के फॉल्कन राकेट से गुरुवार को रवाना हो गया।
एक से दो महीने में शुरू हो जाएगा काम
इस मिशन के तहत अंतरिक्ष से धरती पर मौजूद महासागरों, झीलों और नदियों का सर्वेक्षण किया जाएगा। मिशन का नाम प्लैंकटन, एरोसोल, क्लाउड, ओशन इकोसिस्टम (पेस) है। विज्ञानियों को उम्मीद है कि एक या दो महीने में डाटा मिलना शुरू हो जाएगा।
पेस सैटेलाइट का क्या होगा काम?
उपग्रह कम से कम तीन साल तक 676 किलोमीटर ऊपर से महासागरों के साथ-साथ वायुमंडल का अध्ययन करेगा। सेटेलाइट के तीन उपकरणों में से दो उपकरण प्रतिदिन धरती को स्कैन करेंगे। तीसरा उपकरण मासिक आधार पर आंकड़े जुटाएगा। इससे विज्ञानियों को तूफान और मौसम के अन्य पूर्वानुमानों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।यह भी पढ़ेंः NASA: नासा ने किया पृथ्वी जैसा ग्रह खोजने का दावा, नाम दिया 'सुपर अर्थ'; जानें धरती से कितना है दूर
पृथ्वी के जलवायु में होने वाले परिवर्तनों की जानकारी मिलेगी
तापमान बढ़ने के कारण पृथ्वी के जलवायु में होने वाले परिवर्तनों का भी विवरण मिलेगा। नासा के दो दर्जन से अधिक पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह और उपकरण पहले से ही कक्षा में हैं। लेकिन पेस महासागरीय जीव विज्ञान का अध्ययन करने के लिए अब तक लांच किया गया सबसे उन्नत मिशन है।परियोजना से संबंधित विज्ञानी जेरेमी वेर्डेल के अनुसार वर्तमान पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह सात या आठ रंगों की पहचान कर सकते हैं। पेस 200 रंगों में दिखेगा जिससे वैज्ञानिकों को समुद्र में शैवाल के प्रकार और हवा में कणों के प्रकार की पहचान करने में मदद मिलेगी।
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