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ISRO और NASA अब एक साथ अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर करेंगे ये काम, बिल नेल्सन ने कर दिया बड़ा एलान

नासा (NASA) के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि वह भारतीय अंतरिक्ष यात्री के साथ अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station) पर संयुक्त अभियान करेंगे। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नासा और इसरो अंतरिक्ष यात्रियों के बीच यह पहला संयुक्त प्रयास है जो भारत-अमेरिका अंतरिक्ष साझेदारी और अंतरिक्ष अन्वेषण में मील का पत्थर है। दो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करने में नासा सहयोग करेगा।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 20 Jun 2024 11:45 PM (IST)
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इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण देगा नासा। फाइल फोटो।

पीटीआई, वाशिंगटन। अमेरिका और भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में अपने संबंधों को विस्तार दे रहे हैं। नासा (NASA) के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि वह भारतीय अंतरिक्ष यात्री के साथ अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station) पर संयुक्त अभियान करेंगे।

भारत और अमेरिका के बीच हुई थी बातचीत

उनका यह बयान अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के बीच इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नालाजी (आइसेट) को लेकर हुई बैठक के बाद जारी निष्कर्ष के बाद आया है। इसमें दोनों देशों ने अंतरिक्ष में संबंधों को गहरा करने के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग के लिए रणनीतिक ढांचे को लेकर बातचीत हुई है और नासा जानसन स्पेस सेंटर में इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए उन्नत प्रशिक्षण शुरू करने की दिशा में काम कर रहा है।

इन मामले में हैं नासा और इसरो का पहला संयुक्त प्रयास

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नासा और इसरो अंतरिक्ष यात्रियों के बीच यह पहला संयुक्त प्रयास है, जो भारत-अमेरिका अंतरिक्ष साझेदारी और अंतरिक्ष अन्वेषण में मील का पत्थर है। दो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करने में नासा सहयोग करेगा। इनमें से एक इस साल के अंत में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेगा।

इसरो के अध्यक्ष ने क्या कहा था?

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पहले कहा था कि इसरो संभवत: प्रशिक्षण के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करेगा। दोनों देश नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार के प्रक्षेपण की भी तैयारी कर रहे हैं, जो एक संयुक्त रूप से विकसित उपग्रह है। यह जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के प्रयासों के तहत हर 12 दिनों में दो बार पृथ्वी की पूरी सतह का नक्शा तैयार करेगा। 

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