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United Nations: आतंकी संगठन ISIL-K तक पहुंच रहा नाटो की क्षमता वाला हथियार, संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता

अंतरराष्ट्रीय संस्था संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी रिपोर्ट परेशान करने वाली है। इसमें कहा गया है कि आतंकी संगठन आइएसआइएल-के (आइएस खुरासान) को तालिबान और अलकायदा से संबद्ध तहरीक-ए-तालिबान इस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट जैसे संगठनों की ओर से नाटो की क्षमता वाले हथियार पहुंचाए जा रहे हैं। रिपोर्ट में 2021 में तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान के भीतर सैन्य हथियारों के प्रसार को लेकर चिंता जताई गई है।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 12 Aug 2023 10:47 PM (IST)
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आतंकी संगठन ISIL-K तक पहुंच रहा नाटो की क्षमता वाला हथियार। फाइल फोटो।
संयुक्त राष्ट्र, पीटीआई। अंतरराष्ट्रीय संस्था संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी रिपोर्ट परेशान करने वाली है। इसमें कहा गया है कि आतंकी संगठन आइएसआइएल-के (आइएस खुरासान) को तालिबान और अलकायदा से संबद्ध तहरीक-ए-तालिबान, इस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट जैसे संगठनों की ओर से नाटो की क्षमता वाले हथियार पहुंचाए जा रहे हैं।

सैन्य हथियारों के प्रसार को लेकर जताई गई चिंता

रिपोर्ट में 2021 में तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान के भीतर और पड़ोसी देशों में सैन्य हथियारों के प्रसार को लेकर चिंता जताई गई है। अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा उत्पन्न खतरे पर आई रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश अफगानिस्तान, मध्य पूर्व और अफ्रीका में हथियारों का हो रहा प्रसार बेहद चिंता का विषय है।

दाएश कर रहा विस्फोटकों का उत्पादन

आइएसआइएल (दाएश) और उसके सहयोगियों ने छोटे और हल्के हथियारों के साथ-साथ मानव रहित विमान प्रणालियों और विस्फोटक उपकरणों के उपयोग में वृद्धि की है। इसमें कहा गया है कि दाएश ने कथित तौर पर छोटे विस्फोटकों का उत्पादन शुरू कर दिया है और अब लड़ाकों की जान को बचाने के लिए केवल अंतिम उपाय के रूप में ही आत्मघाती हमले का प्रयोग कर रहे हैं।

अफगानिस्तान के अंदर समूह की क्षमता में विस्तार

ऐसी खबरें हैं कि दाएश ने हथियारों को आधुनिक बनाने का रास्ता तलाशने के लिए एक समिति बनाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सदस्य देशों ने आइएसआइएल-के को अफगानिस्तान और अन्य क्षेत्र में सबसे गंभीर आतंकी खतरा माना है। समूह ने अफगानिस्तान के अंदर क्षमताओं को बढ़ाया है। इसमें लड़ाकों की संख्या चार से छह हजार के करीब किए जाने का अनुमान है।