उत्तर कोरिया का दावा- Travis King के साथ हुआ नस्लीय भेदभाव, समझें क्या है US में अश्वेत सैनिकों की स्थिति
उत्तर कोरिया ने बताया कि अमेरिकी समाज में हो रहे भेदभाव से परेशान होकर अमेरिकी सैनिक ट्रेविस किंग उसके देश में दाखिल हो गया। किंग ने अमेरिकी सेना में भी अमानवीय दुर्व्यवहार और नस्लीय भेदभाव की शिकायत की है। किंग ने दावा किया कि उनके साथ सेना के अधिकारी नस्लीय भेदभाव करते थे। अमेरिकी सेना में तकरीबन 20 प्रतिशत अफ्रीकी-अमेरिकी हैं। वहीं 60 प्रतिशत श्वेत लोगों की मौजूदगी है।
By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 17 Aug 2023 08:28 AM (IST)
वॉशिंगटन,रॉयटर्स। अमेरिकी सैनिक ट्रेविस किंग (Travis King),पिछले महीने भारी सुरक्षा व्यवस्था वाली सीमा को पार करते हुए उत्तर कोरिया (North Korea) में दाखिल हो गया था। उत्तर कोरिया ने बुधवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से पुष्टी की कि अमेरिकी सैनिक ट्रैविस किंग उसकी सीमा में दाखिल हुआ था।
वहीं, उत्तर कोरिया ने बताया कि अमेरिकी समाज में हो रहे भेदभाव से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया है। जानकारी के मुताबिक, 18 जुलाई को वो कोरिया के सीमावर्ती गांव में घूमने गया था। इसी दौरान वह सीमा लांघ कर उत्तर कोरिया घुस गया। फिलहाल, वो उत्तर कोरिया के हिरासत में है।
अमेरिकी समाज की असमानता से परेशान हो चुका किंग: उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया ने बताया किंग की ख्वाहिश है कि उसे उत्तर कोरिया या किसी तीसरे मुल्क में शरण दी जाए, क्योंकि वो अमेरिकी समाज की असमानता से काफी परेशान हो चुका है।
अमेरिकी सैनिक के साथ हुआ नस्लीय भेदभाव: उत्तर कोरिया
किंग ने अमेरिकी सेना में भी अमानवीय दुर्व्यवहार और नस्लीय भेदभाव की शिकायत की है। किंग ने दावा किया कि उनके साथ सेना के अधिकारी नस्लीय भेदभाव करते थे। वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस मामले पर कहा है कि वो किंग के बयानों की पुष्टि नहीं करता है। अमेरिका ने आगे कहा कि उत्तर कोरिया की आधिकारिक न्यूज एजेंसी KCNA के बयान की जांच की जा रही है। अमेरिकी सरकार की पहली प्राथमिकता है कि किंग को अमेरिका वापस लाया जा सके।क्या है अमेरिकी सेना में नस्लीय भेदभाव का इतिहास?
अमेरिकी सेना में तकरीबन 20 प्रतिशत अफ्रीकी-अमेरिकी हैं। वहीं, 60 प्रतिशत श्वेत लोगों की मौजूदगी है। भले ही अमेरिकी सेना के निचले रैंकों में विविधता है, लेकिन शीर्ष पर ज्यादातर श्र्वेत यानी गैर-अफ्रीकी- अमेरिकी सैनिक हैं। वहीं, अमेरिकी वायु सेना के भीतर पायलट जैसी विशिष्ट नौकरियों में अश्वेत सैनिकों की संख्या काफी कम है।
साल 2017 में किए गए एक सर्वेक्षण से जानकारी सामने आई थी कि तिहाई अश्वेत सैनिकों के साथ एक साल की अवधि में कभी न कभी नस्लीय भेदभाव या उत्पीड़न की सूचना दी है।