उत्तर कोरिया की 7 दिनों में 4 मिसाइल टेस्ट के आखिर क्या हैं मायनें, किसकी तरह है इसका संकेत
उत्तर कोरिया लगातार अमेरिका को चुनौती दे रहा है। इस वजह से जहां एक तरफ जापान और दक्षिण कोरिया की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं वहीं क्षेत्र में स्थिरता एक चुनौती बनी हुई है। ताजा मिसाइल टेस्ट भी अमेरिका के लिए एक चेतावनी ही हैं।
By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaUpdated: Sat, 01 Oct 2022 02:01 PM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। उत्तर कोरिया एक बार फिर से अपने पुरानी छवि में लौट आया है। बीत 7 दिनों में किए गए 4 मिसाइल टेस्ट इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। शनिवार को उत्तर कोरिया ने दो मिसाइल टेस्ट कर इस पूरे क्षेत्र में बढ़ती स्थिरता को उभारने का काम किया है। इस वर्ष की शुरुआत में ही उसने लगातार कई मिसाइल टेस्ट कर अपनी मंशा को साफ कर दिया था। अब उसने जो मिसाइल टेस्ट किए हैं उसका सीधा निशाना अमेरिका पर है। दरअसल, पिछले दिनों अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के बीच सैन्य अभ्यास हुआ था। इसको लेकर उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन ने चेतावनी भी दी थी। अब ताजा मिसाइल टेस्ट को किम की तरफ से दक्षिण कोरिया और अमेरिका को दिए संकेत के तौर पर माना जा रहा है।
जापान और दक्षिण कोरिया की बढ़ी चिंता
उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट हमेशा ही जापान और दक्षिण कोरिया के लिए चिंता का सबब बने रहे हैं। उत्तर कोरिया की अधिकतर मिसाइलों का निशाना जापान सागर ही होता है। इस क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर निगाह मारेंगे तो पता चलेगा कि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया का सैन्य अभ्यास मुख्य रूप से एंटी सबमरीन ड्रिल थी। पांच वर्ष में पहली बार इन तीनों देशों के बीच इस तरह की ड्रिल हुई थी। यहां पर हैरानी की बात ये भी है कि उत्तर कोरिया ने पिछले दिनों जो मिसाइल टेस्ट किए थे वो तब किए गए थे जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस दक्षिण कोरिया में मौजूद थीं। इस लिहाज से किम जोंग उन ने इन परिक्षणों के जरिए सीधेतौर पर अमेरिका को चेतावनी दी थी।
मिसाइल की 6 मैक की स्पीड
दक्षिण कोरिया के रक्षा विभाग की मानें तो उसने अपने राडार पर दो शार्ट रेंज मिसाइल देखी थीं। ये आसमान में करीब 30 किमी की ऊंचाई तक गईं और करीब 350 किमी दूर गिरी थीं। सिओल की जानकारी के मुताबिक इनकी स्पीड 6 मैक की थी। इस जानकारी पर संदेह इसलिए नहीं किया जा सकता है क्योंकि ये बयान सेना के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ की तरफ से दिया गया है। इस बयान में सबसे खास बात इस मिसाइल की स्पीड है।
अमेरिका की धमकी बेकार
आपको बता दें कि दुनिया के कम ही देशों के पास ऐसी मिसाइल हैं, जो इस स्पीड पर अपने टार्गेट को हिट कर सकती हैं। इस लिहाज से ये कहना गलत नहीं होगा कि अमेरिका जिन परमाणु हथियारों से उत्तर कोरिया को दूर रहने की बात करता आया है वो विफल साबित हुई है। जापान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि उत्तर कोरिया की मिसाइलें उसके एक्सक्लूसिव इकनामिक जोन में गिरी हैं। अमेरिका ने उत्तर कोरिया के इस टेस्ट पर बयान देते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में अस्थिरता का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा।
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