न्यूक्लियर डील को लेकर वियना में आज होने वाली अमेरिका और ईरान के बीच अहम वार्ता, हो सकती है सौदेबाजी
ईरान और अमेरिका में परमाणु डील को लेकर अहम वार्ता गुरुवार को होनी है। ये वार्ता वियना में होगी जहां पर ईरान के सदस्य पहले ही पहुंचे हुए हैं। इस वार्ता को लेकर इस बार ईरान सौदेबाजी कर सकता है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 04 Aug 2022 03:58 PM (IST)
तेहरान (एजेंसी)। ईरान और अमेरिका के बीच लंबे समय से जारी न्यूक्लियर डील पर गुरुवार को अहम वार्ता होने वाली है। इस डील को मुकाम तक पहुंचाने में यूएई के साथ यूरोपीय संघ भी लगा हुआ है। इससे पहले इस डील को लेकर जून में हुई बैठक में दोनों ही पक्ष किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके थे, जिसके बाद वार्ता पटरी से उतरती हुई दिखाई दे रही थी। लेकिन इस बार इसमें कुछ अहम जरूर हो सकता है। ऐसा कहने की सबसे बड़ी वजह ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खमनेई के सलाहकार कमाल खराजी बयान है।
इस बयान में उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि ईरान कुछ दिनों में 60 फीसद तक यूरेनियम को समृद्ध करने में सक्षम हो जाएगा। इसके बाद ईरान आसानी से 90 फीसद समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन कर सकेगा। ईरान के पास परमाणु बम बनाने के सभी तकनीकी साधन मौजूदा हैं, लेकिन ईरान ने इसको बनाने के बारे में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। जानकारों का मानना है कि ईरान इस बिंदू पर अमेरिका और अन्य सदस्यों से सौदा कर सकता है। इस डील पर बात करने के लिए बुधवार को ईरान का दल वियना पहुंचा था।
बता दें कि वर्ष 2015 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा और ईरान के बीच परमाणु डील हुई थी। इसके बाद 2019 में डोनाल्ड ट्रंप ने इस डील से हटने का ऐलान किया था। उनका कहना था कि इससे अमेरिका को नुकसान है। इसलिए उन्होंने एक दूसरी डील करने की बात कही थी। अमेरिका के इस कदम के बाद ईरान भी इस डील से अलग हो गया था। राष्ट्रपति जो बाइडन के आने के बाद इस डील पर दोबारा बातचीत शुरू हो सकी है। अप्रैल 2021 में इसको लेकर वियना में ही बातचीत हुई थी। लेकिन हर वार्ता में अमेरिका और ईरान के बीच बने विवादों को सुलझाया नहीं जा सका। यही वजह है कि इस डील को लेकर आज तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
इस बीच ईरान लगातार परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की भी बात करता रहा है। ईरान चाहता है कि उस पर लगे प्रतिबंधों को हटाया जाए। इस वर्ष जून में हुई वार्ता में कतर ने भी मध्यस्थता करने की कोशिश की थी। लेकिन बैठक के दूसरे दिन ही दोनों पक्ष इससे अलग हो गए थे।