US: एक तिहाई एशियाई-अमेरिकी हुए नस्ली भेदभाव के शिकार, 15 प्रतिशत लोग घृणा अपराध के हुए शिकार; रिपोर्ट में खुलासा
महामारी के बाद उभरे एशियाई विरोधी नस्लवाद से निपटने के लिए बने कानूनों के बावजूद एशियाई-अमेरिकियों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। लगभग एक तिहाई एशियाई-अमेरिकियों और प्रशांत द्वीपवासियों का कहना है कि उन्होंने पिछले साल नस्ल या जातीयता के आधार पर दुर्व्यवहार का अनुभव किया है। एएपीआई और एपी-एनआआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफयेर रिसर्च के नए सर्वेक्षण में इसका खुलासा हुआ है।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 14 Nov 2023 08:00 PM (IST)
एपी, शिकागो। महामारी के बाद उभरे एशियाई विरोधी नस्लवाद से निपटने के लिए बने कानूनों के बावजूद एशियाई-अमेरिकियों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। लगभग एक तिहाई एशियाई-अमेरिकियों और प्रशांत द्वीपवासियों का कहना है कि उन्होंने पिछले साल नस्ल या जातीयता के आधार पर दुर्व्यवहार का अनुभव किया है।
15 प्रतिशत लोग हुए घृणा अपराध के शिकार
इसमें अपशब्दों का इस्तेमाल, शारीरिक धमकियां व साइबरबुलिंग शामिल है। एएपीआई और एपी-एनआआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफयेर रिसर्च के नए सर्वेक्षण में पाया गया कि एशियाई-अमेरिकी और प्रशांत द्वीप समूह के 15 प्रतिशत लोग कभी न कभी घृणा अपराध के शिकार हुए हैं।
अमेरिका में नस्लवाद एक अत्यंत गंभीर समस्या
वहीं, 51 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अमेरिका में नस्लवाद एक अत्यंत गंभीर समस्या है। करीब 23 प्रतिशत एशियाई-अमेरिकी व प्रशांत द्वीपीय लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल मौखिक उत्पीड़न व दुर्व्यहार का सामना किया। इसके अलावा 22 प्रतिशत ने नस्ली व जातीय भेदभाव की बात कही, जबकि 10 प्रतिशत ने शारीरिक धमकी का अनुभव किया।पीड़ित ने अपना अनुभव किया साझा
सैन डिएगो में 29 वर्षीय फिलीपींस मूल की अमेरिकी जेनिफर ली ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया कि उन्होंने ट्यूशन सेवा में नौकरी के लिए साक्षात्कार दिया। साक्षाकारकर्ताओं ने समझा कि मैं जापानी हूं, और कहा कि आप लोग बहुत आज्ञाकारी होते हैं, यह कितना दयनीय है।