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फ‍िर बेनकाब हुआ पाकिस्‍तान: ISI के इशारे पर चलता है आतंकी संगठन तालिबान, दे रहा हथियार-उपकरण

पाकिस्‍तान एक बार फ‍िर बेनकाब हुआ है। कनाडा के अफगानिस्तान में राजदूत रहे क्रिस अलेक्जेंडर ने कहा है कि पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ तालिबान को ताकत दे रही है। कनाडा के राजनयिक ने टोलो न्यूज पर अपना साक्षात्कार देते हुए पाक की काली करतूतों का कच्चा चिट्ठा खोला है।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Mon, 15 Mar 2021 06:09 PM (IST)
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कनाडा के पूर्व राजदूत ने कहा- ISI के इशारे पर चलता है तालिबान, दे रहा हथियार। फाइल फोटो।
ओटावा/आबूधाबी, एजेंसी। अफगानिस्तान में शांति बहाली की बहुपक्षीय कोशिशों के बीच कनाडा के अफगानिस्तान में राजदूत रहे क्रिस अलेक्जेंडर ने कहा है कि पाक जब तक छद्म युद्ध नहीं बंद करता, तब तक यहां शांति स्थापित नहीं हो सकती है। पर्दे के पीछे से पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ तालिबान को ताकत दे रही है। कनाडा के राजनयिक ने टोलो न्यूज पर अपना साक्षात्कार देते हुए पाक की काली करतूतों का कच्चा चिट्ठा खोला है। क्रिस ने कहा है कि पाकिस्तान की सेना विशेषतौर पर उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ तालिबान को युद्ध के लिए हथियार और उपकरण उपलब्ध कराती है। एक तरह से पाकिस्तान की सहायता से ही तालिबान अफगान सरकार के खिलाफ भाड़े पर युद्ध कर रहा है, जब तक इस असलियत से पर्दा हटाकर पाकिस्तान के छद्म युद्ध को बंद नहीं कराया जाता, अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के प्रयास व्यर्थ साबित होंगे।

पाक यहां आतंक की फसल बोने का काम कर रहा

तालिबान पाकिस्तान की सेना और ख्रुफिया एजेंसी की ही जुबान बोलता है। कनाडा के पूर्व राजनयिक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मिलकर पाकिस्तान की अवैध करतूतों और आतंक के काले कारनामों को बंद करा देती है, तो हालात तेजी से बदल जाएंगे। उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ पाक के गोपनीय एजेंडे की वजह भी बताई। उनका कहना है कि अफगानिस्तान ने 1947 में जब संयुक्त राष्ट्र में पाक की सदस्यता का विरोध किया था, तब से ही पाक यहां आतंक की फसल बोने का काम कर रहा है। इसी फसल में पैदा हुए आतंकियों को वह निरंतर अफगानिस्तान और कश्मीर दोनों के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

कतर शांति वार्ता में बेहतर भूमिका न निभा सका आबूधाबी

संयुक्त अरब अमीरात में अफगानिस्तान के राजदूत जाविद अहमद ने कहा है कि कतर में शांति वार्ता के ठप होने के बाद अब अलग-अलग स्थानों पर वार्ता होगी। यह यूरोप, एशिया और पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान में आयोजित की जाएगी। कतर में तालिबान को बातचीत करने में सहूलियत हो रही है। इन्होंने अपना कार्यालय भी 2013 से खोल रखा है। कतर इस वार्ता में बेहतर भूमिका निभा सकता था। वह अपनी मेजबानी को ठीक ढंग से नहीं निभा पाया।

अफगानिस्तान में 18 तालिबानी आतंकी ढेर

अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में सेना के विशेष अभियान में 18 तालिबानी आतंकियों को मार डाला गया। इस्लामिक स्टेट का एक आतंकी भी मरा है, जबकि दूसरे को हिरासत में ले लिया गया। तालिबानी आतंकियों के खिलाफ सेना का यह ऑपरेशन एयरफोर्स की मदद से कंधार प्रांत के अरघनदाव और झेरी जिलों में चलाया गया। नानगरहर प्रांत में सुरक्षा बलों ने इस्लामिक स्टेट (आइएस) के एक आतंकवादी महमूद जान को मौके पर ही मार गिराया। महमूद इस जिले का आइएस का कमांडर था। इसी प्रांत में आइएस के एक और आतंकवादी खान गुलाम को पकड़ा गया। यह आतंकी युवाओं की आइएस में भर्ती कर रहा था। अफगानिस्तान में हर रोज हिंसा में औसतन 120 लोग मारे जाते हैं या अपंग हो जाते हैं।