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'तो पाकिस्तान को अंजाम भुगतना होगा...', शहबाज शरीफ को UNGA में भारत ने बताया झूठा; सुनाई खरी-खरी

India hit Pak in UNGA भारत ने यूएनजीए में कश्मीर पर बयान को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर पलटवार किया है। भारत ने कहा कि पाक को यह समझना चाहिए कि उसे भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के परिणाम भुगतने होंगे। भारत ने उसे सबसे बड़ा पाखंडी भी बताया और कहा कि उसके चलते ही कई देशों में आतंकी घटना हुई है।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Sat, 28 Sep 2024 11:16 AM (IST)
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India hit Pak in UNGA भारत ने पाक को खूब सुनाया।
पीटीआई, संयुक्त राष्ट्र। भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेपर्दा किया है। पाक को आतंक का मसीहा बताते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में खूब खरी खोटी सुनाई। दरअसल, पाक पीएम शहबाज शरीफ ने बीते दिन जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था, जिसके जवाब में भारत ने कड़ी फटकार लगाई।

तो अंजाम भुगतने होंगे

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की आम सभा में शहबाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर का रोना रोने के साथ भारत के चुनौती बताई थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं पर उसके “अंगुलियों के निशान” हैं और पाक को यह समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के उसे परिणाम भुगतने होंगे।

जिसका देश सेना चलाए....

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव भाविका मंगलनंदन ने भारत के जवाब देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए कहा,

इस सभा ने आज सुबह एक दुखद घटना देखी। आतंकवाद, नशीले पदार्थों के व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए वैश्विक प्रतिष्ठा वाले सेना द्वारा संचालित देश ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है। 

दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।

ये सबसे बड़ा पाखंड

भाविका मंगलनंदन ने आगे कहा कि पाक ने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थयात्रा मार्गों पर हमला किया है। ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है। 

शहबाज ने क्या कहा था?

अपने संबोधन में शहबाज शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को उठाया था और कहा कि "स्थायी शांति सुनिश्चित करने" के लिए भारत को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को वापस लेना चाहिए और इस मुद्दे के "शांतिपूर्ण" समाधान के लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत ने आपसी "रणनीतिक संयम व्यवस्था" के लिए पाकिस्तान के प्रस्तावों को ठुकरा दिया है।

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