पायलट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले ड्रोन को दी मात
वैज्ञानिकों का कहना है एआइ ड्रोन का उपयोग आगे चलकर आपदा की स्थिति में बचाव कार्यों और भविष्य में स्पेस स्टेशन पर भेजे जाने वाले रोबोट के मार्गदर्शन में किया जा सकता है।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। एक पायलट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) से नियंत्रित किए जा रहे ड्रोन को मात दे दी। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ओर से आयोजित रेस में ड्रोन को कई बाधाओं को तय सीमा के भीतर पार करना था। इसमें तेजी के साथ ही सजगता की जरूरत थी। दरअसल, नासा की जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी (जेपीएल) के शोधकर्ता एआइ से उड़ाए जाने वाले ड्रोन की क्षमता का परीक्षण करना चाह रहे थे।
शोधकर्ताओं की टीम ने तीन ड्रोन का निर्माण किया था। ये ड्रोन सीधे रास्ते पर 129 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ सकने में सक्षम थे, लेकिन बाधाओं को पार करते हुए ड्रोन की गति महज 48 से 64 किलोमीटर रह गई। वहीं पायलट केन लू ड्रोन को अपेक्षाकृत अधिक तेज गति से उड़ा पाने में सक्षम रहे। हालांकि लू अपने ड्रोन की गति को बार-बार बढ़ाते हुए थकावट महसूस कर रहे थे जबकि इस समस्या का सामना एआइ संचालित ड्रोन को नहीं करना पड़ा।
रेस को पूरा करने में लू और एआइ ड्रोन ने क्रमश: 11.1 सेकेंड और 13.9 सेकेंड का समय लिया। वैज्ञानिकों का कहना है एआइ ड्रोन का उपयोग आगे चलकर आपदा की स्थिति में बचाव कार्यों और भविष्य में स्पेस स्टेशन पर भेजे जाने वाले रोबोट के मार्गदर्शन में किया जा सकता है।
-अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ओर से आयोजित रेस में दिखाया दम
-रेस में ड्रोन को तय सीमा के भीतर पार करनी थी कई बाधाएं
-129 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ सकने में सक्षम तीन ड्रोन की जांच की
यह भी पढ़ें : पाकिस्तान से गैर नाटो सहयोगी का दर्जा वापस लेने पर चर्चा