बाली में होगी डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान सुधारों पर चर्चा; केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करेंगे शिरकत, क्या है एजेंडा..?
Piyush Goyal in USTR convenes 21 सितंबर को इंडोनेशिया के बाली में डब्ल्यूटीओ के विवाद समाधान सुधारों पर चर्चा के लिए जी-20 देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक होने वाली है। इसमें भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी हिस्सा लेंगे।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 18 Sep 2022 11:50 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद समाधान सुधारों पर चर्चा के लिए 21 सितंबर को इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी-20 देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल शिरकत करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि गोयल 21 सितंबर को जी-20 की व्यापार, निवेश और उद्योग पर आयोजित मंत्रिस्तरीय बैठक में शामिल होने के लिए बाली में मौजूद रहेंगे। इस दौरान वह अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि की तरफ से बुलाई गई एक बैठक में भी शामिल होंगे।
विवाद निपटान तंत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक
अधिकारी ने कहा, 'अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने मंत्रिस्तरीय बैठक से अलग डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान तंत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई है।' इस चर्चा के दौरान विवाद निपटान व्यवस्था के सुचारू रूप से काम करने को लेकर जी-20 देशों की तरफ से मांग उठाए जाने की उम्मीद है।
कई देशों में नाखुशी
इस संबंध में अमेरिका के रुख को लेकर कई देशों में नाखुशी देखी जा रही है। जिनेवा स्थित डब्ल्यूटीओ 164 सदस्यीय बहुराष्ट्रीय संगठन है जो वैश्विक निर्यात और आयात संबंधी मानदंडों को तय करता है। इसके अलावा डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों के बीच व्यापार विवादों की स्थिति में भी फैसला देता है।विवादों के निपटाने के दो मुख्य तरीके
डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज होने के बाद विवाद को निपटाने के दो मुख्य तरीके हैं। पहला तरीका यह है कि संबंधित देश परस्पर सहमति के आधार पर समाधान ढूंढते हैं, खासकर द्विपक्षीय परामर्श के दौरान। हालांकि इस प्रक्रिया में समिति के निर्णय से किसी पक्ष के संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में वह उसे अपीलीय निकाय में चुनौती देता है।कामकाज में आई है बाधा
अपीलीय निकाय विवादों के निपटारे के लिए डब्ल्यूटीओ की सर्वोच्च संस्था है। लेकिन अमेरिका की तरफ से अपीलीय निकाय (आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल) में सदस्यों की नियुक्तियां रोक देने के बाद डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान तंत्र के कामकाज में बाधा पैदा हुई।