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पोप फ्रांसिस ने अफगान युद्ध पर पुतिन की तारीफ के बजाय जर्मन चांसलर का लिया नाम, जानें क्‍या कहा

ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों की हाल की भूमिका की आलोचना करते हुए बाहरी देश के नेता से वहां लोकतंत्र की बहाली के प्रयास करने की अपील की है। जानें उन्‍होंने क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Wed, 01 Sep 2021 04:49 PM (IST)
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पोप फ्रांसिस ने अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों की हाल की भूमिका की आलोचना की है...
मैड्रिड, एपी। ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों की हाल की भूमिका की आलोचना करते हुए 'बाहरी देश' के नेता से वहां लोकतंत्र की बहाली के प्रयास करने की अपील की है। हालांकि ऐसा करते हुए वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम लेने के बजाय गलती से जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल का जिक्र कर दिया। पोप ने बुधवार को रेडियो इंटरव्यू में अमेरिकी और सहयोगी सेनाओं की वापसी के बाद अफगानिस्तान के नए राजनीतिक स्वरूप के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वह इसका जवाब दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक हस्तियों में से एक जर्मन चांसलर के बयान का हवाला देते हुए देंगे।

हालांकि पोप ने स्पैनिश में उस बयान को उद्धृत करते हुए कहा, 'किसी देश में लोकतंत्र लाने के नाम पर वहां के ऐतिहासिक, परंपरागत और धार्मिक मुद्दों का संज्ञान लिए बिना गैरजिम्मेदाराना तरीके से अन्य माडलों पर आधारित अपने मूल्यों और अन्य बातों को नहीं थोपा जाना चाहिए जबकि यह बयान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मार्केल के मास्को आने पर दिया था। लेकिन यह बयान उन्होंने विगत 20 अगस्त को जर्मनी की चांसलर का नाम लेकर दिया। रायटर के अनुसार वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस ने कहा कि जुलाई में उनकी आंत के आपरेशन के बाद वह एकदम स्वस्थ हैं। वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि वह पूर्णत: एक सामान्य जीवन जी रहे हैं।

उल्‍लेखनीय है कि पुतिन ने 20 अगस्त को एक बैठक में अफगानिस्तान को लेकर पश्चिमी देशों के रुख की तीखी आलोचना की थी। उन्‍होंने कहा था कि अफगानिस्‍तान की सत्‍ता पर तालिबान का तेजी से कब्जा जमाना लोकतंत्र को लागू करने की पश्चिमी देशों के प्रयासों की नाकामी को दिखाता है। पोप ने स्पेन के रेडियो स्टेशन कैडेना कोप को यह साक्षात्कार पिछले हफ्ते दिया था। अफगान संकट पर पोप फ्रांसिस का स्‍पष्‍ट कहना है कि अफगानिस्तान से पश्चिमी देशों की सेनाओं की वापसी में सभी पहलुओं पर विचार नहीं किया गया है। बीते दिनों पोप फ्रांसिस ने दुनिया भर के ईसाइयों से अफगानिस्तान में शांति के लिए प्रार्थना करने की गुजारिश की थी।