ट्रंप ने खोला राज, आखिर क्यों इतना सीक्रेट रखा गया था उनका इराक दौरा
ट्रंप का इराक का दौरा काफी सीक्रेट बनाकर रखा गया। इसकी वजह खुद ट्रंप ने इस दौरे पर उजागर की। इसके अलावा सीरिया को लेकर नया गेमप्लान भी सामने आ गया।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 03:42 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। इराक में अचानक पहुंचकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हर किसी को हैरान किया है। सीरिया और अफगानिस्तान से अपनी फौज को वापस बुलाने के ऐलान के बाद इराक का उनका दौरा हर किसी के लिए हैरानी का विषय बन गया है। करीब 15 वर्षों में इराक का दौरा करने वाले वह तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं। वर्ष 2003 से लेकर 2008 तक राष्ट्रपति बुश ने करीब चार बार इराक का दौरा किया था। इसके बाद 2009 में बराक ओबामा भी गुप्त दौरे के तहत इराक आए थे। दरअसल, इराक में सद्दाम हुसैन का तख्ता पलट कर उसको फांसी की सजा देने के बाद से देश के हालात सुधरे नहीं हैं। यहां पर खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के पैर जमाने के बाद हालात और खराब हो गए थे। ऐसे में काफी समय से अमेरिकी फौज लगातार यहां पर जमी हुई है।
नहीं हुई किसी को खबर
2003 में जब राष्ट्रपति बुश ने इराक का दौरा किया था उस वक्त किसी को कानोकान इसकी खबर नहीं हुई थी। ऐसा ही इस बार भी ट्रंप के दौरे के समय हुआ। उनके इस दौरे को लेकर पूरी तरह से सीक्रेसी बनाकर रखी गई। यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि ट्रंप का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका को एक बार फिर से शटडाउन के हालात से गुजरना पड़ा है। यहां तक की सीरिया और अफगानिस्तान से अपनी फौज की वापसी के मुद्दे पर रक्षा मंत्री जिम मेटिस ने इस्तीफा तक दे दिया था।
2003 में जब राष्ट्रपति बुश ने इराक का दौरा किया था उस वक्त किसी को कानोकान इसकी खबर नहीं हुई थी। ऐसा ही इस बार भी ट्रंप के दौरे के समय हुआ। उनके इस दौरे को लेकर पूरी तरह से सीक्रेसी बनाकर रखी गई। यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि ट्रंप का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका को एक बार फिर से शटडाउन के हालात से गुजरना पड़ा है। यहां तक की सीरिया और अफगानिस्तान से अपनी फौज की वापसी के मुद्दे पर रक्षा मंत्री जिम मेटिस ने इस्तीफा तक दे दिया था।
सीरिया के लिए अमेरिका का सीक्रेट गेमप्लान
उन्होंने यहां के अल असद एयरबेस पर अपने सीरिया और अफगानिस्तान को लेकर लिए गए फैसले को सही ठहराया। उनका कहना था कि आठ वर्ष पहले हम यहां पर तीन माह तक के लिए आए थे, लेकिन अब तक नहीं गए। ऐसा कभी नहीं सोचा गया था कि सीरिया में हम इतने समय या फिर हमेशा के लिए रुके रहेंगे। ट्रंप ने इस दौरान साफ कर दिया है कि उनहोंने सीरिया में छह माह और रुकने की अपने कमांडर की अपील को खारिज कर दिया है। अब इस काम को दूसरे तरीके से किया जाएगा। उनके मुताबिक सीरिया से बाहर आने के बाद अमेरिकी फौज इराक के सीमावर्ती इलाकों में अपने कमांडो तैनात करेगा जो जरूरत पड़ने पर वह सीरिया में स्ट्राइक के लिए तैयार रहेंगे।
उन्होंने यहां के अल असद एयरबेस पर अपने सीरिया और अफगानिस्तान को लेकर लिए गए फैसले को सही ठहराया। उनका कहना था कि आठ वर्ष पहले हम यहां पर तीन माह तक के लिए आए थे, लेकिन अब तक नहीं गए। ऐसा कभी नहीं सोचा गया था कि सीरिया में हम इतने समय या फिर हमेशा के लिए रुके रहेंगे। ट्रंप ने इस दौरान साफ कर दिया है कि उनहोंने सीरिया में छह माह और रुकने की अपने कमांडर की अपील को खारिज कर दिया है। अब इस काम को दूसरे तरीके से किया जाएगा। उनके मुताबिक सीरिया से बाहर आने के बाद अमेरिकी फौज इराक के सीमावर्ती इलाकों में अपने कमांडो तैनात करेगा जो जरूरत पड़ने पर वह सीरिया में स्ट्राइक के लिए तैयार रहेंगे।
दौरा छिपाने के पीछे ये थी वजह
वर्ष 2009 में बराक ओबामा ने कहा था कि वक्त आ गया है कि अब इराक की जिम्मेदारी खुद वहां के लोग संभाले। राष्ट्रपति रहते हुए वह करीब चार बार अफगानिस्तान भी पहुंचे थे। जहां तक ट्रंप के यहां आने की बात है तो पिछले माह उनके इराक आने की चर्चा जरूर थी लेकिन बाद में इस दौरे को रद कर दिया गया था। क्रिसमस के बाद इराक पहुंचे ट्रंप ने मलेनिया के साथ यहां पर करीब 15 मिनट गुजारे थे। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस दौरान जब पत्रकारों से बात की तो उनका कहना था कि वह यहां पर इसलिए भी आए हैं क्योंकि पिछले कुछ समय से लगातार इस जगह की चर्चा की जाती रही है। उनके मुताबिक जब वह राष्ट्रपति नहीं थे तब भी यहां की चर्चा करते थे। उनका कहना था कि यहां के दौरे को छिपाए रखने के पीछे मलेनिया की सुरक्षा को लेकर उनके मन में चिंता थी। उन्होंने कहा कि यही वजह थी कि यहां पर आते समय विमान की कोई लाइट नहीं जल रही थी। पाकिस्तान में आखिर किसके निशाने पर मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के नेता और पार्टी
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वर्ष 2009 में बराक ओबामा ने कहा था कि वक्त आ गया है कि अब इराक की जिम्मेदारी खुद वहां के लोग संभाले। राष्ट्रपति रहते हुए वह करीब चार बार अफगानिस्तान भी पहुंचे थे। जहां तक ट्रंप के यहां आने की बात है तो पिछले माह उनके इराक आने की चर्चा जरूर थी लेकिन बाद में इस दौरे को रद कर दिया गया था। क्रिसमस के बाद इराक पहुंचे ट्रंप ने मलेनिया के साथ यहां पर करीब 15 मिनट गुजारे थे। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस दौरान जब पत्रकारों से बात की तो उनका कहना था कि वह यहां पर इसलिए भी आए हैं क्योंकि पिछले कुछ समय से लगातार इस जगह की चर्चा की जाती रही है। उनके मुताबिक जब वह राष्ट्रपति नहीं थे तब भी यहां की चर्चा करते थे। उनका कहना था कि यहां के दौरे को छिपाए रखने के पीछे मलेनिया की सुरक्षा को लेकर उनके मन में चिंता थी। उन्होंने कहा कि यही वजह थी कि यहां पर आते समय विमान की कोई लाइट नहीं जल रही थी। पाकिस्तान में आखिर किसके निशाने पर मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के नेता और पार्टी
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