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महिलाओं का धूम्रपान छोड़ना ज्यादा कठिन, मोटापा और अवसाद की ज्यादा समस्या हो सकता है कारण

इस अध्ययन में फ्रांस में 2001 से 2018 के बीच स्मोकिंग सेसेशन सर्विसेज जाने वाली महिलाओं और पुरुषों के लक्षण और परहेज या संयम की दरों की तुलना की गई। यह डाटा राष्ट्रव्यापी डाटाबेस सीडीटी-नेट से लिया गया।

By Neel RajputEdited By: Updated: Tue, 31 Aug 2021 08:01 PM (IST)
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लगातार 28 दिनों तक परहेज की सेल्फ रिपोर्टिंग का अध्ययन
वाशिंगटन, एएनआइ। धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह चेतावनी सिगरेट की सभी पैकेटों पर होती है। लेकिन इसकी लत लगने के बाद कई लोग विभिन्न कारणों से धूम्रपान छोड़ने का जतन करते हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी आफ बरगंडी के शोधकर्ताओं ने एक दिलचस्प अध्ययन किया है। इसमें बताया गया है कि वैसे तो पुरुषों की तुलना में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या कम है, लेकिन महिलाओं के लिए यह लत छोड़ना पुरुषों की तुलना में ज्यादा कठिन होता है। यह अध्ययन ईएससी कांग्रेस 2021 में पेश किया गया है।

अध्ययन की मुख्य लेखिका तथा फ्रांस के यूनिवर्सिटी आफ बरगंडी में पीएचडी की छात्रा इंग्रिड अल्लागबे ने बताया कि उन्होंने अपने शोध में पाया है कि धूम्रपान की आदत छुड़वाने वाली सेवाओं की मदद लेने वाली महिलाओं में मोटापा, अवसाद और बेचैनी जैसी विकृतियां पुरुषों की तुलना में ज्यादा थी और उनमें धूम्रपान छोड़ने की दर कम थी। इसलिए, हमारे अध्ययन का निष्कर्ष है कि धूम्रपान की आदत को छुड़वाने के उपायों को महिलाओं के हिसाब से सुधारने की जरूरत है।

इस अध्ययन में फ्रांस में 2001 से 2018 के बीच स्मोकिंग सेसेशन सर्विसेज जाने वाली महिलाओं और पुरुषों के लक्षण और परहेज या संयम की दरों की तुलना की गई। यह डाटा राष्ट्रव्यापी डाटाबेस सीडीटी-नेट से लिया गया। अध्ययन के लिए 18 साल या उससे अधिक उम्र के ऐसे लोगों का चयन किया गया, जो दिल की बीमारी के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले कम से कम एक अतिरिक्त जोखिम- जैसे कि मोटापा, हाई कोलेस्ट्राल, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक या हार्ट अटैक से पीड़ित रहे।

सहभागियों की निकोटिन पर निर्भरता की दृष्टि से हल्का, मध्यम या गंभीर श्रेणी में वर्गीकृत करने के लिए निकोटिन डेपेंडेंस स्केल का इस्तेमाल किया गया। धूम्रपान से लगातार 28 दिनों तक परहेज की सेल्फ रिपोर्टिंग की पुष्टि कार्बन मोनोआक्साइड 10 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) की माप से की गई। इन्हें इस आधार पर भी वर्गीकृत किया गया कि सहभागियों में बेचैनी और अवसाद के लक्षण थे या नहीं। उन्होंने बेचैनी या अवसाद करने की दवा ली थी या नहीं।

अध्ययन में कुल सहभागी : 37,949

महिलाएं : 16,492 (43.5 फीसद)

औसत उम्र : 48 वर्ष

हाई कोलेस्ट्राल : 30 फीसद

हाई ब्लड प्रेशर : 23 फीसद

डायबिटीज : 10 फीसद

मोटापा : 27 फीसद

बेचैनी या अवसाद : 37.5 फीसद

औसत सिगरेट खपत : 23

निकोटिन डेपेंडेंस (गंभीर) : 56 

पुरुष : 21,457 (56.5 फीसद)

औसत उम्र : 51 वर्ष

हाई कोलेस्ट्राल : 33 फीसद

हाई ब्लड प्रेशर : 26 फीसद

डायबिटीज : 13 फीसद

मोटापा : 20 फीसद

बेचैनी या अवसाद : 25.5 फीसद

औसत सिगरेट खपत : 27

निकोटिन डेपेंडेंस (गंभीर) : 60

अल्लागबे ने कहा, हमारे अध्ययन का निष्कर्ष है कि कम सिगरेट पीने और निकोटिन डेपेंडेंट पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कम होने के बावजूद महिलाओं के लिए धूम्रपान छोड़ना ज्यादा कठिन रहा। इसका कारण महिलाओं में ज्यादा बेचैनी या अवसाद तथा मोटापा का अधिक होना हो सकता है।