Rahul Gandhi: राहुल का चीन का राग! चीनियों और पीएम मोदी के लिए ये क्या बोल गए कांग्रेस नेता
राहुल गांधी संयुक्त राज्य अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालयों में छात्रों और शिक्षकों के अलावा भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत की और अमेरिकी सांसदों से भी मुलाकात की। राहुल गांधी ने कहा कि चीन ने उत्पादन में अपने पैर पसारे भारत समेत अन्य देशों भी उसपर निर्भर हो गए। भारत-अमेरिका को उत्पादन पर फोकस करना पड़ेगा।
एएनआई, वाशिंगटन। अमेरिका की यात्रा पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चीन का जिक्र करते हुए, केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की स्थिति क अच्छे से नहीं संभाल पा रहे हैं। राहुल गांधी ने मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही।
चीन से नहीं निपट सकते मोदी
राहुल गांधी ने कहा कि चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दिल्ली के जितनी जमीन पर कब्जा कर रखा है, लेकिन मीडिया इसके बारे में नहीं लिखती। अगर कोई पड़ोसी देश आपके 4 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर ले तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या कोई राष्ट्रपति यह कहकर बच निकल पाएगा कि उसने इस समस्या को अच्छे हल किया है? इसलिए, मुझे नहीं लगता कि मोदी ने चीन से बिल्कुल भी अच्छा निपटा है।
राहुल गांधी ने कहा कि मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में क्यों बैठे हैं। उल्लेखनीय है कि 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान में झड़प हुई थी, उसी साल महामारी शुरू हुई थी।
LAC पर 50 हजार सैनिक तैनात
मई 2020 से जब चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में LAC पर यथास्थिति को आक्रामक तरीके से बदलने की कोशिश की, तब से दोनों देशों ने पेट्रोलिंग पॉइंट 15 के पास अग्रिम चौकियों पर अपने-अपने सैनिक तैनात किए। 2020 से LAC पर अग्रिम चौकियों पर 50 हजार से अधिक भारतीय सैनिक तैनात हैं।
चीनी उत्पादन के दृष्टिकोण को "गैर-लोकतांत्रिक" बताते हुए राहुल गांधी ने अमेरिका और भारत द्वारा लोकतांत्रिक और स्वतंत्र समाज में उत्पादन दृष्टिकोण रखने के विचार पर जोर दिया। राहुल ने कहा कि हम इसे वैसा नहीं करना चाहते जैसा चीनी कर रहे हैं। हम इसे ऐसे माहौल में नहीं करना चाहते जो गैर-लोकतांत्रिक हो और जो उदार न हो।
चीन का उत्पादन दृष्टिकोण
राहुल गांधी ने कहा कि 21वीं सदी के लिए असली सवाल यह है कि चीन ने उत्पादन का एक दृष्टिकोण सामने रखा है। यह एक गैर-लोकतांत्रिक उत्पादन दृष्टिकोण है। क्या संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत लोकतांत्रिक मुक्त समाज में उत्पादन के लिए एक दृष्टिकोण रखकर इसका उत्तर दे सकते हैं? मुझे लगता है कि यहीं पर बहुत सारे जवाब छिपे हैं।- राहुल ने विपक्ष के नेता के रूप में अपनी नई भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में भी बताया और कहा कि इंडी गठबंधन और भाजपा-आरएसएस के बीच एक वैचारिक युद्ध चल रहा है। विपक्ष भारत की संस्थाओं की 'रक्षा' करना चाहता है और देश के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करना चाहता है।
- राहुल गांधी ने कहा कि हम एक बहुलवादी दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं, एक ऐसा दृष्टिकोण जहां सभी को आगे बढ़ने का अधिकार है। एक ऐसा भारत जहां आपको इस वजह से सताया न जाए कि आप किस धर्म में विश्वास करते हैं या आप किस समुदाय से आते हैं या आप कौन सी भाषा बोलते हैं।