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Raisi Helicopter Crash: इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर हादसे की जांच में सहयोग से अमेरिका का इनकार, आने-जाने की दिक्कतों का दिया हवाला

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से प्रेस वार्ता में जब ईरान सरकार की ओर से मदद का आग्रह किए जाने के बाबत पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस तरह की स्थितियों में विदेशी सरकारों से आग्रह आने पर मदद करता है लेकिन अमेरिका उसकी किसी भी तरह की मदद कर पाने में सक्षम नहीं है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Tue, 21 May 2024 10:30 PM (IST)
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अमेरिका ने हेलीकॉप्टर हादसे की जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया है।

पीटीआई, वाशिंगटन। अमेरिका ने ईरान में हुए हेलीकॉप्टर हादसे की जांच में आने-जाने (लॉजिस्टिकल) की दिक्कतों का हवाला देकर सहयोग करने से इनकार कर दिया है। इस हादसे में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन और छह अन्य लोगों की मौत हो गई। ईरान सरकार ने अमेरिका से जांच में मदद का आग्रह किया था।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से प्रेस वार्ता में जब ईरान सरकार की ओर से मदद का आग्रह किए जाने के बाबत पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस तरह की स्थितियों में विदेशी सरकारों से आग्रह आने पर मदद करता है, लेकिन अमेरिका उसकी किसी भी तरह की मदद कर पाने में सक्षम नहीं है। अमेरिका काफी हद तक लॉजिस्टिकल कारणों से ईरान की मदद करने में सक्षम नहीं है।

अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रईसी के प्रति संवेदना व्यक्त करने और एक मिनट के मौन में भाग लेने संबंधी सवाल पर मिलर ने कहा कि उनके देश का स्पष्ट मत है कि रईसी चार दशकों तक ईरानी लोगों के दमन में क्रूर भागीदार थे, लेकिन अमेरिका हेलीकॉप्टर दुर्घटना जैसी घटना में कोई भी जान जाने पर अफसोस व्यक्त करता है। लेकिन इससे ईरान में जज और राष्ट्रपति के तौर पर रईसी के रिकार्ड की हकीकत और यह तथ्य नहीं बदल जाता कि उनके हाथ खून से सने थे।

मिलर ने कहा, "ईरान के प्रति हमारा मौलिक ²ष्टिकोण न बदला है और न ही बदलेगा। हम ईरान के लोगों का समर्थन करना और उनके मानवाधिकारों, एक खुले व मुक्त समाज और लोकतांत्रिक भागीदारी की उनकी आकांक्षाओं की रक्षा करना जारी रखेंगे।"

मिलर ने पूर्व ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया, जिन्होंने हादसे के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों को दोषी ठहराया था। अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, "ईरानी सरकार ने आतंकवाद का समर्थन करने के लिए उपकरण ले जाने में अपने विमान का उपयोग किया। इसलिए हम अपने प्रतिबंधों को पूरी तरह से जारी रखेंगे, जिसमें ईरान सरकार द्वारा उपयोग के लिए विमानों पर प्रतिबंध शामिल हैं। अंतत: ईरानी सरकार ही खराब मौसम में 45 वर्ष पुराने हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए जिम्मेदार है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए रईसी और अन्य लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।

उधर, ईरान में दिवंगत राष्ट्रपति रईसी, दिवंगत विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन और अन्य लोगों के जनाजे में शामिल होने और मातम मनाने के लिए मंगलवार को लोगों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया। ईरान सरकार ने दिवंगत राष्ट्रपति के सम्मान में कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं, साथ ही वह इसके जरिये पश्चिम एशिया में शक्ति प्रदर्शन भी करना चाहती है। हालांकि, इस बात पर सवाल हैं कि इन कार्यक्रमों में कितने लोग जुटते हैं क्योंकि रईसी देश के इतिहास में सबसे कम अंतर से चुनाव जीते थे।

अधिकारियों ने पहले ही चेतावनी दी है कि किसी ने रईसी के निधन पर खुशी का इजहार किया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। हेलीकॉप्टर हादसे के बाद से ही राजधानी तेहरान की सड़कों पर भारी तादाद में सुरक्षाबल तैनात हैं। मंगलवार को सभी शव पूर्वी अजरबैजान प्रांत की राजधानी तबरिज से तेहरान लाए गए।

तबरिज में हजारों लोगों ने दिवंगत नेताओं को अंतिम विदाई दी। बुधवार को दिवंगत लोगों के लिए जनाजे की नमाज खामेनेई के नेतृत्व में पढ़ी जाएगी। गुरुवार को रईसी के जनाजे को जुलुस के रूप में ले जाया जाएगा और मशहाद शहर में सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।

उपराष्ट्रपति धनखड़ आज पहुंचेंगे ईरान

ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और दिवंगत विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन की आधिकारिक शोकसभा में भारत की ओर से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हिस्सा लेंगे। वह बुधवार को रवाना होंगे। रईसी के सम्मान में मंगलवार को पूरे भारत में एक दिन का राजकीय शोक मनाया गया। विदेश मंत्री जयशंकर दिल्ली स्थित ईरान के दूतावास में गए और भारत की ओर से शोक संवेदना व्यक्त की।

बाद में उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट में कहा, "उन्हें हमेशा भारत के दोस्तों के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने भारत-ईरान रिश्तों के विकास में योगदान दिया।" जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार मुश्किल की इस घड़ी में ईरान के लोगों के साथ है।