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राजनाथ सिंह का चीन को कड़ा संदेश, बोले- हमें छेड़ा तो छोड़ेंगे नहीं, भारत में दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगर कोई छेड़ेगा तो भारत उसे छोड़ेगा नहीं। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत एक ताकतवर देश के रूप में उभरा है। उसमें वैश्विक नेतृत्‍व की क्षमता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 16 Apr 2022 05:58 AM (IST)
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राजनाथ सिंह ने गुरुवार को हवाई में अमेरिकी प्रशांत सेना के विभिन्न प्रशिक्षण स्थलों का दौरा किया। (ANI Photo)
वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका की धरती से चीन को कड़ा संदेश देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत को अगर कोई छेड़ेगा तो भारत उसे छोड़ेगा नहीं। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत शक्तिशाली देश के रूप में उभरा है और दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होने की ओर बढ़ रहा है। सेन फ्रांसिस्को में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए राजनाथ ने अमेरिका को भी संदेश दिया कि भारत 'जीरो-सम गेम' (ऐसा खेल जिसमें जीतने वाले का फायदा हारने वाले के नुकसान के बराबर होता है) की कूटनीति में विश्वास नहीं करता और एक देश के साथ उसके संबंध दूसरे देश की कीमत पर नहीं हो सकते।

अमेरिका की यात्रा पर हैं रक्षा मंत्री  

रक्षा मंत्री भारत-अमेरिका के बीच हुई 'टू प्लस टू' वार्ता के लिए अमेरिका यात्रा पर हैं। सेन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा उनके सम्मान में आयोजित प्रीतिभोज में राजनाथ ने चीन से लगती सीमा पर भारतीय सैनिकों द्वारा दिखाए गए शौर्य के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, 'मैं खुलकर नहीं बता सकता कि उन्होंने (भारतीय सैनिकों) क्या किया और हमने (सरकार) क्या फैसले लिए। लेकिन मैं यह निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि संदेश (चीन को) जा चुका है कि भारत को अगर कोई छेड़ेगा तो भारत छोड़ेगा नहीं।'

'जीरो-सम गेम' कूटनीति में विश्वास नहीं

यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस के संबंध में अमेरिकी दवाब का सीधे तौर पर जिक्र किए बिना रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत 'जीरो-सम गेम' कूटनीति में विश्वास नहीं करता। अगर भारत के एक देश के साथ अच्छे संबंध हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसी अन्य देश के साथ उसके संबंध खराब हो जाएंगे। भारत इसे (इस प्रकार की कूटनीति) कभी नहीं अपनाएगा। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में हम 'जीरो-सम गेम' में भरोसा नहीं करते। भारत ऐसे द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास करता है जो दोनों देशों के लिए लाभ पर आधारित हों।

भारत की छवि बदली

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की यह टिप्पणी यूक्रेन संकट पर भारत के रुख और रूस से सस्ता तेल खरीदने के फैसले से उपजी बेचैनी के बीच आई है। राजनाथ ने कहा, 'भारत की छवि बदल गई है। भारत की प्रतिष्ठा में सुधार हुआ है। अगले कुछ साल में दुनिया की कोई भी ताकत भारत को दुनिया की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होने से नहीं रोक सकती।'

जीवंत व्यापार ईकोसिस्टम पर जोर 

भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अतीत में अगर कोई देश विकसित और समृद्ध होना चाहता था, वे हमेशा भारत के साथ जीवंत व्यापार स्थापित करने के बारे में सोचते थे। उन्होंने कहा, 'हमारा उद्देश्य 2047 तक तक भारत में इसी तरह का ईकोसिस्टम विकसित करने का होना चाहिए, जब भारत अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा।'

भारत की छवि में सुधार

राजनाथ ने कहा, 2013 में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान न्यूजर्सी में आयोजित एक प्रीतिभोज में उन्होंने भारतीय-अमेरिकियों के समूह से कहा था कि भारत की सफलता की कहानी अभी पूरी नहीं हुई है, वह भाजपा के सत्ता में आने का इंतजार कर रही है। तब लोग तत्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रदर्शन से नाखुश थे। आठ साल में मोदी सरकार ने देश में आमूल-चूल बदलाव लाए हैं और भारत की छवि में सुधार हुआ है।

भारत कमजोर देश नहीं

उन्होंने कहा, '(विश्वभर में) लोग अब मानने लगे हैं कि भारत कमजोर देश नहीं रहा है। यह दुनिया का ताकतवर देश है। आज भारत में दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता है। भारत की इस क्षमता को दुनिया ने अब स्वीकार कर लिया है। इतने कम समय में भारत जैसे देश के लिए इससे बड़ी उपलब्धि और कुछ नहीं हो सकती।' राजनाथ ने कहा, 'भारत में ऐसे कई प्रधानमंत्री हुए हैं जो इस पद पर विराजमान होने के बाद देश के नेता बने। लेकिन पंडित जवाहर लाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले ही देश के नेता थे।'