अमेरिकी नेवल सेंटर के दौरे से लेकर जेक सुलिवन से मुलाकात, राजनाथ सिंह के 4 दिवसीय US यात्रा की अहम बातें
Rajnath Singh in US रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं । राजनाथ ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और रक्षा मंत्री लायड आस्टिन से मुलाकात की। इस दौरान एक बैठक भी हुई । इस दौरान ऑस्टिन ने राजनाथ सिंह के साथ बैठक के दौरान अमेरिका-भारत संबंधों में हो रही प्रगति की प्रशंसा की।
वाशिंगटन, पीटीआई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत और अमेरिका मिलकर काम करने और एक-दूसरे के अनुभवों से लाभ उठाने के इच्छुक हैं। उन्होंने शनिवार को मैरीलैंड में एक शीर्ष अमेरिकी नेवल सरफेस वारफेयर सेंटर (एनएसडब्ल्यूसी) का दौरा करने के बाद यह टिप्पणी की।
अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर राजनाथ
राजनाथ सिंह अमेरिका और भारत के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'कार्डेराक में नेवल सरफेस वारफेयर सेंटर का दौरा किया और इस केंद्र में किए जा रहे महत्वपूर्ण प्रयोगों को देखा।' साथ ही कहा, 'भारत और अमेरिका मिलकर काम करने तथा एक-दूसरे के अनुभवों से लाभ उठाने के इच्छुक हैं।'
लॉयड आस्टिन से की मुलाकात
इससे पहले यात्रा के दौरान राजनाथ ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और रक्षा मंत्री लायड ऑस्टिन से मुलाकात की। ऑस्टिन ने राजनाथ के साथ बैठक के दौरान अमेरिका-भारत संबंधों में हो रही प्रगति की प्रशंसा की। उन्होंने रक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर दोनों देशों के बढ़ते सहयोग का उल्लेख किया, जिसमें सेनाओं के बीच महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के प्रयास शामिल हैं।मजबूत हो रहा हमारा रक्षा सहयोग
आस्टिन ने कहा, 'हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का ²ष्टिकोण साझा करते हैं और हमारा रक्षा सहयोग लगातार मजबूत होता जा रहा है। हम अपने रक्षा उद्योग संबंधों का विस्तार कर रहे हैं और सह-उत्पादन करने व आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने सभी क्षेत्रों में आपरेशनल सहयोग बढ़ाया है, साथ ही 'रिम आफ द पेसिफिक' में भारत की भागीदारी पर प्रकाश डाला, जो हवाई में अमेरिकी नौसेना के नेतृत्व में किया गया अभ्यास था जिसमें 29 देशों ने भाग लिया था।
वैश्विक व्यापार की हुई रक्षा
आस्टिन ने कहा, 'भारतीय नाविकों ने संकट में नौसैनिकों की मदद की है और वैश्विक व्यापार की रक्षा की है। इसलिए हम नौसैनिक सहयोग मजबूत करने और मानवरहित प्रौद्योगिकी के साथ मिलकर और अधिक काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'राजनाथ ने कहा कि बढ़ते सहयोग में मानव प्रयास के सभी क्षेत्र शामिल हैं। रक्षा मंत्री ने एक सम्मेलन में अमेरिकी रक्षा कंपनियों के शीर्ष नेतृत्व से भी बात की। इस दौरान उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि साझेदारी और संयुक्त प्रयास दो ऐसे शब्द हैं जो अन्य देशों के साथ भारत की रक्षा उद्योग साझेदारी को बताते हैं।
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